गताङक से – वर्माजी ने पहली ही परिचयात्मक भेंट में मेरे लेखों की बात छेड़ दी, तो मैं थोड़ा–सा सजग और कुछ–कुछ असहज हो गया – "पता नहीं कि क्या–कुछ सुन रखा है?" आप जानते हैं – हम लोग अत्यन्त द्रुत गति से...
11 March 2024 6:26 AM GMT
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