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क्या है सोनिया गाँधी का रूस कनेक्शन ?

छः महीने के दौरान दो बार रूस जा चुकी हैं।

क्या है सोनिया गाँधी का रूस कनेक्शन ?
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स्वदेश वेब डेस्क। कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आजकल रूस के दौरे पर हैं, पिछले दिनों वहां यूरेशियन वूमेन फोरम कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन फेडरेशन काउंसिल ऑफ फेडरल एसेंब्ली ऑफ रसियन फेडरेशन व इंटरपार्लियामेंटरी एसेंब्ली ऑफ मेंबर नेशंस आफ कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स ने कराया है।

ट्विटर हैंडल रांगडॉक पर सोनिया गांधी की रूस यात्रा पर सवाल पूछा गया था जिसके जवाब मे कहा गया है कि सोनिया ने मास्को में इंदिरा गाँधी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था। हालांकि उन्होंने वहां किसी भी राजनीतिक हस्ती से बात नहीं की। इसके पीछे का कारण बताया गया कि यह उनकी निजी यात्रा थी। लेकिन इस प्रदर्शनी के आयोजक फेडरल आर्काइवल एजेंसी, स्टेट आर्काइव्स अॉफ रसियन फेडरेशन, इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट व भारत में रूस के दूतावास थे। अगर रूस के फेडरल स्टेट आर्काइव के वेबसाइट पर जाया जाए तो वहां मिलेगा कि उक्त प्रदर्शनी का एक आयोजक कर्नाटक की सिद्धरमैया नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार भी थी।

कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन कर्नाटक सरकार को सोनिया की यात्रा के लिए इसमें मुखौटे के रूप में तो प्रयोग नहीं किया गया। अब इधर राफेल का मामला देश में गर्म है और सोनिया गांधी फिर से यूरेशियन वीमेन फेडरेशन की एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रूस थी। यहां सोनिया द्वारा "पॉजिटिव इनर्जी अॉफ यंग पीपल" पर भाषण देने की बात कहीं। इसके अलावा उनकी यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है सोनिया गांंधी ज्यादातर विदेश नहीं जाती लेकिन वह हाल के छः महीने के दौरान दो बार रूस जा चुकी हैं। इसके साथ ही वह मई मे चिकित्सा उपचार के लिए एक अज्ञात जगह (संभवतः अमेरिका) गई थी।

अतः उक्त ट्विट में कहा गया है कि अप्रैल में सिद्धरमैया ने सोनिया गांधी की मास्को यात्रा प्रबंध में मदद की। फिर चुनाव में सिद्धरमैया के पार्टी की कांग्रेस की हार हुई और कांग्रेस ने कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनने का मौका दे दिया। इस बीच मां-बेटे मामले से ही गायब हो गए जिसके चलते सरकार गठन में भी देर हो गई। हालांकि सोनिया गांधी का रहस्यमय दौरा किसी से छुपा नहीं है। वह एक बार राष्ट्रपति पुतिन की निजी अतिथि के रूप में भी रूस का दौरा कर चुकी हैं। हालांंकि वह उस वक्त ना तो देश की प्रधानमंत्री थी ना ह़ी राष्ट्रपति, वह सिर्फ सत्ता में बैठी पार्टी की अध्यक्ष थी। यूपीए शासन काल में सोनिया व राहुल की विदेश यात्रा की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

उल्लेखनीय है कि विकीलिक्स कैबल की ओर से लगाए गए अनुमान के अनुसार वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की ओर से की गई सुखोई डील के बारे में जानकारी इक्कठा करने व कांग्रेस व कम्यूनिस्ट के बीच के संबंध को मधुर बनाने गई थी। हालांकि गांधी परिवार के लिए रूस की रहस्यमयी यात्राएं नई नहीं हैं। 1985 में राजीव गांधी सोवियत नेता मिखैल गोर्वाचोव से क्रेमलिन आर्म्स कंट्रोल प्रस्ताव पर बात करने मास्को गए थे।

Updated : 26 Sep 2018 7:17 PM GMT
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