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बाल का वबाल: बबुआ जी बेहाल राजस्थान में - सवाल ही सवाल

नवल गर्ग

बाल का वबाल: बबुआ जी बेहाल राजस्थान में - सवाल ही सवाल
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स्वदेश वेबडेस्क। अपने नाटकीय अंदाज और बाल बुद्धि से उपजते प्रहसनों के चलते, देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के कामचलाऊ मुखिया, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हास्योत्पादक आयटम पप्पू उर्फ बबुआ जी का 14 जुलाई को आने वाला बहुचर्चित प्रश्नबैंक वाला तीन मिनिट अड़तीस सैकिण्ड का वीडियो 17 जुलाई को आया तो सही पर आते ही पूरे देश में - सोशल मीडिया पर चर्चा का तूफान खड़ा हो गया। यह तूफान प्रश्नों के तीखेपन या धारदार होने जैसे बिंदु को केन्द्रित करते हुए नहीं हुआ ( कैसे होता? प्रश्न तो सभी बासी और उबाऊ थे ), अपितु वीडियो के भी पुराने होने को लेकर खड़ा हुआ। बाल बुद्धि जी के बालों की स्टाइल और चेहरे के मेकओवर ने ही बिनकी पोल खोल कर रख दी। यह प्रश्न तो सबके मन में सहज रूप से आना स्वाभाविक ही है कि भैया, एक सप्ताह पहले दिख रहे गंजू जी के सिर पर अचानक बालों की वैसी ही लहलहाती फसल कहां से आ गई जैसी पंद्रह बीस दिन पहले झूम झूम कर लहलहा रही थी। बाल गोंद से चिपका कर तो लम्बे नहीं किये जा सकते ना ही उनका किसी जादुई शैम्पू से कोई नाता रहा।

मतलब साफ है कि हाफ बुद्धि वाले बबुआ जी नमो को अपने पुराने प्रहसनी अंदाज में चैलेंज तो कर गए पर कुछ सम्पट नहीं बैठा तो किसी की उधार बुद्धि के भरोसे बने पुरानो वीडियो की धूल झाड़कर ट्वीट करने की रस्म पूरी कर दी। वही चीन वही कोरोना वही रोना, जिन पर नमो कई बार भारत की तरफ से धाक जमाते हुए सबको दिखा चुके हैं उनकी अक्ल का कोना कोना। सो बबुआ जी की वीडियो - राजनीति तो जन्म लेने के पहले ही खलाक् हो गई। अब राजस्थान में खेले जा रहे प्रहसनों से बचने के लिए स्वयं किस खोल में जाकर अपनी खाल बचाएं, जे ई सोच सोच कर बबुआ जी परेशान होकर नए कामिक्स पढऩे में, वीडियो गेम खेलने में जुट गए हैं, डोन्ट डिस्टर्ब का बोर्ड लगाकर। पूरा देश, देश की जनता, प्रदेश और प्रदेश की जनता, समर्थक और नेता सब देख रहे हैं बबुआ का कामिक्स पढ़ा जाना और वीडियो गेम का खेला जाना। इस तरह बबुआ जी का कामिक्स पाठ और वीडियो गेम एक राष्ट्रीय घटना बन गया है। जानकारों ने अंदरखाने से खबर दी है कि बबुआ जी अब अपनी मैया और दिदिया जू से भी लड़ पड़े हैं। कारण तो बे तीनों ही जानें पर कहने वाले कह रहे हैं कि बबुआ जी को चीनी आयटम पसंद हैं। नमो ने चीन की आंख में आंख डालकर उसे जमीन दिखाई तो बबुआ जी की आंख भर आई। उनके चीन से आ रहे कामिक्स और वीडियो गेम पर सरकार ने रोक क्यों लगाई?

बड़े लोगों की इसी तरह की बड़ी बातें आम नागरिक को समझ में नहीं आ पातीं। इस बार तो उनके खासमखास पायलट भी नहीं समझ पाए बाल बबुआ जी की बाल लीला सो उन्होंने टेक ऑफ ले लिया गहलोत को हवा लगवाये बिना-- फिलहाल वे हवा हवाई बने हवा में ही अटक गए हैं। गहलोत जी न तो लैण्ड करने के लिये जगह दे रहे हैं न ही परमीशन और हल्ला भी मचा रहे हैं कि हमसे पूछे बिना ही कल का छोरा प्लेन लेकर उड़ गया । हमारी चालीस साल तक रगड़ाई हुई और यह कल का छोरा जाट का -- चालू राजनीति के हम जैसे चतुर खिलाड़ी से टक्कर ले रहा है। आज की स्वार्थ में डूबी झगड़ाऊ राजनीति का पतनशील चेहरा यही है। सारी सिद्धांतहीनता सिद्धांतों का मोटा खोल ओढ़कर जनता को, उसकी निष्ठा और विश्वास को सरे आम छल रही है।

हमारी काल्पनिक पात्र रामकली का बबुआ जी के लाने दर्द यह है कि अब ऐसन पर हंसें नईं तो का करें। इत्तो ढ़ीलो, ढ़ीठ ढ़ से ढ़क्कन, बेसमझ और गरूर में सिर से पांव तक डूबो विपक्षी कांग्रेस को कर्णधार तो पहले कबहुं नहीं देखवे में आओ ई नइए। जईसें बे घबराकर इत उत होत रइंये। न कोऊ से बतरावत न सामने परत। तईसे कोऊ ने जे बात बड़ी नीक कही है

रूबरू होने की तो छोडिय़े , गुफ़तगु से भी कतराने लगे हैं....!

गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं.....!!

सही बात तो जे है भईया कि बिनकी नैया देश होए चाहें राजस्थान, सबहीं जगह बीच भंवर में हिचकोले ले रई है। और बबुआ जी मिलवे जुलवे के बजाय कामिक्स पढ़ रहे के मस्त वीडियो गेम खेल रये। कांग्रेस के कर्णधार हों या गहलोत, अनाथन से नाथ या श्रीमान् बंटाढार -- अपने आदमियन पर आप ही तीर चला रहे हैं और इशारा दूसरों की तरफ कर रहे हैं कि उन्होंने घाव किया है पर सही बात यह है कि --

जख्म खुद ही बता देंगे, तीर किसने मारा है.....!

हम कहां कहते हैं, ये काम तुम्हारा है...... !!

बड़ा मलहरा हो या नेपानगर या फिर रंग रंगीला राजस्थान -- हरियाली अमावस और सावन की तीज के त्यौहार के समय नई फसल के बीजों की रोपनी भी नई तरह से नई उम्मीद और आशा के साथ इसलिए हो रही है क्योंकि सार संवार के अभाव में पुराना बीज घुना हुआ लगने लगा है।

पुरानी पार्टी को छोडऩे वालों के इस सवाल का जबाब (बकौल गुलजार) तो बबुआ जी और उनकी पार्टी वालों के पास नहीं है ना --

क्यों ना बदलूं मैं, तुम वही हो क्या....!

अगर मैं गलत हूं, तो तुम सही हो क्या..... !!

(लेखक पूर्व जिला न्यायाधीश हैं।)

Updated : 19 July 2020 12:34 PM GMT
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