Home > स्वदेश विशेष > पुण्यतिथि : संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण कुशल योद्धा माने जाते हैं छत्रपती शिवाजी

पुण्यतिथि : संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण कुशल योद्धा माने जाते हैं छत्रपती शिवाजी

पुण्यतिथि : संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण कुशल योद्धा माने जाते हैं छत्रपती शिवाजी
X

नई दिल्ली। छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को हुई। भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। उस दौर में उन्होंने कई बार औरंगज़ेब की शाही मुगल सेना को भी धुल चटाई थी। आइए आज इस वीर शिरोमणि की जयंती पर जानते हैं उनके जीवन के कुछ किस्से।

हम आपको बता दें कि एक बार शिवाजी के राज्य में नरभक्षी चीता घुस आया था, जिसने काफी सारे बच्चों को अपना शिकार बना लिया था। इस चीते के कारण गांव वाले भय में जीने को मजबूर हो गए थे और फिर उन लोगों ने इस बात की जानकारी शिवाजी महाराज को दी। गांव वालों की बात सुनकर शिवाजी महाराज ने उन्हें आश्वासन दिया की वो उनकी समस्या का समाधान अवश्य करेंगे। इसके बाद शिवाजी महाराज अपने कुछ सैनिकों के साथ जंगल में निकल गए और चीते को खोजना शुरू कर दिया। जैसे ही चीता सामने आया सैनिक भयभीत हो गए, किन्तु शिवाजी महाराज ने चीते पर हमला बोल दिया और उसे मार गिराया और जनता का भय भी खत्म कर दिया।

शिवाजी महाराज बहादुर तो थे ही, लेकिन साथ ही वो महिलाओं की काफी इज़्ज़त करते थे। एक बार उनके दरबार में किसी गांव के रसूखदार मुखिया को लाया गया जिसपर एक गरीब विधवा महिला के दुष्कर्म करने का आरोप था। शिवाजी महाराज उस समय केवल 14 साल के थे किन्तु उन्होंने तुरंत ही एक ऐसा फैसला सुनाया जिसने दरबार में मौजूद सभी लोगों के होश उड़ा दिए। दरअसल शिवाजी ने इस शख्स के हाथ और पैर काटने का आदेश दिया जिससे ये शख्स दोबारा किसी महिला के साथ ऐसी नीच हरकत ना कर पाए साथ ही अपराधियों को इससे सबक भी मिले।

Updated : 3 April 2020 5:48 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top