समय की जरूरत जनसंख्या नियंत्रण
भारत का समूचा सभ्य समाज हृदय विदारक घटना पर अत्यधिक आक्रोशित है
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भरोसे का खून : भारत की राजधानी दिल्ली में मुस्लिम युवक आफताब अमीन पूनावाला ने अपने लिव इन पार्टनर हिन्दू युवती श्रद्धा वालकर की निर्मम हत्या कर उसके शरीर के पैंतीस टुकड़े किए, अपने फ्रिज में टुकड़े रख लिए तथा किश्तों में एक-एक कर टुकड़े जंगल में फेंकता रहा। उसने श्रद्धा का सिर काट दिया और चेहरा जला दिया, ताकि लाश की पहचान छुपी रहे। अभी गिरतारी के बाद न्यायालय ने उसकी पुलिस हिरासत अवधि पांच दिन और बढ़ा दी है तथा सच उगलवाने हेतु नार्को टेस्ट का भी आदेश दिया है। श्रद्धा के पिता ने अपनी पुत्री के मुस्लिम युवक से संबंध पर आपाि की थी, परन्तु आपाि की अनदेखी कर श्रद्धा अपने प्रेमी आफताब अमीन के साथ बिना वैवाहिक बंधन के ही उसके घर रह रही थी, विगत चार वर्षों से। - गल्फ न्यूज, दुबई, संयुक्त, अरब अमीरात
(टिप्पणी- मीडिया में प्रकाशित समाचारों के अनुसार जब श्रद्धा के पिता ने आफताब से संबंध नहीं रखने का निर्देश दिया, तब श्रद्धा ने अपने पिता पर भरोसा न कर अपने दुश्चरित्र प्रेमी पर भरोसा किया और अंतत: निर्मम पीड़ादायक मृत्यु की शिकार हुई। एक ओर भारत का समूचा सभ्य समाज इस हृदय विदारक घटना पर अत्यधिक आक्रोशित है, परन्तु दूसरी ओर टेलिविजन चैनलों पर चर्चा के कार्यक्रमों में संबंधित होने वाले स्वघोषित प्रगतिशील अल्पसंख्यक कल्याणक झंडाबरदार आफताब का बचाव करते हुए उसे पारसी धर्म का बता रहे हैं, ताकि लव जिहाद के आरोप मुस्लिम समाज पर न लग सके। लखनऊ में धर्मांतरण से इंकार करने पर निधि गुप्ता को मोहम्मद सूफियान ने चौथी मंजिल से नीचे फेंककर मार डाला, झारखंड के दुमका में अंकिता सिंह को मोहम्मद शाहरुख हुसैन ने जिंदा जला डाला, सिकंदराबाद की माधवी की चाकुओं से गोदकर अब्दुल समद ने मार डाला, मुंबई की मानसी दीक्षित को सईद ने मार दिया, दिल्ली की नीतू को लाईक खान ने मार दिया, एक अनंत सिलसिला है। फिर भी जो आंखें खुली रखते हुए निद्रा में होने का अभिनय करें, उनका इलाज कौन करे?)
जनसंया नियंत्रण की घड़ी : संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आंकड़े जारी किए कि विश्व की जनसँख्या अब आठ सौ करोड़ हो गई है। चीन की जनसंया एक सौ चालीस करोड़ तथा भारत की जनसँख्या अभी एक सौ अड़तीस करोड़ हो गई है। साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक औपचारिक घोषणा के अनुसार अगले वर्ष अर्थात् 2023 में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत जनसँख्या के संदर्भ में विश्व में प्रथम स्थान पर आ जाएगा। इसी परिप्रेक्ष्य में अभी जनवरी 2022 में असम राज्य की सरकार ने एक जनसँख्या अधिनियम बनाया, जिसके अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे हों तो उसे सरकारी नौकरियों तथा स्थानीय निकाय चुनावों हेतु अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। असम राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने रायटर संवाद संस्था से कहा- 'ऐसा जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना समय की मांग है।' - अल जजीरा, दोहा, कतर
(टिप्पणी - जनसँख्या विस्फोट का बम फटने की घड़ी निकट है। भारी जनसँख्या वृद्धि के कारण राष्ट्र एवं समाज के पास उपलब्ध संसाधन नागरिकों के लिए कम पड़ जाने से गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी इत्यादि बढऩे के साथ ही राष्ट्र की प्रगति धीमी पड़ जाती है। इस संदर्भ में हमारे उदारवादी प्रगतिशील बंधु तर्क देते हैं कि यदि भारत सरकार राष्ट्रव्यापी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाती है, तो वह एक धर्म विशेष के विरुद्ध षड्यंत्र होगा, जबकि दूसरा तर्क यह है कि भारत के जनसँख्या विस्फोट में एक धर्म विशेष की कोई जिम्मेदारी नहीं है। इनके इस विरोधाभासी तर्क में धर्म विशेष आखिर कौन है? भला यह भी कोई पूछना की बात है?)
शत्रु का शत्रु मित्र है : अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में विपक्षी दल रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिल गया है। 435 सदस्यों वाले सदन में रिपब्लिकन पार्टी ने 218 का बहुमत आंकड़ा पार कर लिया है। रिपब्लिकन पार्टी की इस जीत से राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा उनकी सााधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए आगामी दो वर्षों का कार्यकाल कठिनाइयों से भरा होगा, क्योंकि अब हाउस आफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में जो बाइडेन को कानूनी विधेयक व अनुदान विधेयक पारित करवाना कठिन हो जाएगा तथा सन 2021 में अफगानिस्तान से अचानक एवं जल्दबाजी में अमेरिकी फोज की वापसी करवाकर तालिबान की सहायता करवाने जैसे मुद्दों पर संसदीय जांच भी बैठाई जा सकती है। - द आयरिश टाईस, डबलिन, आयरलेंड
(टिप्पणी - रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सन 2016 से 2020 के अपने चार वर्षीय कार्यकाल में सात ऐसे इस्लामी देशों के नागरिकों के अमेरिका प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो जिहादी आतंकवाद प्रायोजक देश थे। साथ ही ट्रंप ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले अमेरिकी अनुदान पर प्रतिबंध लगा दिया था। परन्तु साा संभालते ही जो बाइडेन ने नरमपंथी नीति अपनाते हुए ट्रंप के जिहादी आतंकवाद तथा पाकिस्तान विरोधी नीतियों को उलट दिया। रिपब्लिकन पार्टी एवं डोनाल्ड ट्रंप की 2024 में साा पर काबिज होने की प्रबल संभावना में यह तथ्य भी छुपा है कि भारत के शत्रुओं को ट्रम्प प्रशासन भी शत्रु ही मानता था। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है।)
- टिप्पणीकार : डॉ. सुब्रतो गुहा
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