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दक्षिण सीट खाली बताने वाले "अनूप मिश्रा" जान लें "भितरवार" भी खाली है

पूर्व मंत्री नारायण सिंह बोले - भाजपा को रूठे कार्यकर्ताओं को मनाना होगा

दक्षिण सीट खाली बताने वाले अनूप मिश्रा जान लें भितरवार भी खाली है
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स्वदेश एक्सक्लूसिव

पूर्व मंत्री एवं भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा ने पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें कहा गया था कि दक्षिण सीट खाली है, वह इस सीट से प्रमुख दावेदार हैं। श्री कुशवाहा का कहना है कि अनूप जी यदि दक्षिण सीट को खाली बता रहे हैं तो वह जान लें कि भितरवार सीट भी खाली है। इसी तरह ग्वालियर-चंबल अंचल की कई सीटें खाली हैं।

यह बात उन्होंने स्वदेश वरिष्ठ पत्रकार राजीव अग्रवाल से विशेष चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है चूंकि चुनाव में अभी छह माह शेष हैं, इसलिए गुजरात फार्मूला अथवा कोई अलग तरीका अपनाना पड़ेगा तभी जीत संभव है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जिस तरह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक-एक नेता और कार्यकर्ता के घर जाकर मिल रहे हैं वही नीति प्रदेश संगठन और अन्य नेताओं को भी अपनाना चाहिए। जिससे पार्टी से रूठे वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता पार्टी के लिए कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा स्थिति में भाजपा ने गुजरात फार्मूला या कोई अन्य तरीका अपनाया तो निश्चित ही भाजपा 200 से अधिक सीटें जीतेगी। पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर भाजपा को फायदे के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है। इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन पिछड़ा वर्ग फैटर भी भाजपा की मदद करेगा। मैं जब भाजपा मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग के कार्यालय में बैठता हूं तब वहां आने वाली भीड़ से ही पता किया जा सकता है कि पिछड़ा वर्ग का झुकाव किस ओर है।

भगवान सिंह को मैंने भी हराया है उनसे जब पूछा गया कि इस बार दक्षिण में ज्यादा दावेदार क्यों हैं? तब उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में बड़े-बड़े नेताओं ने भगवान सिंह के सामने चुनाव लडऩे से मना कर दिया था तब पार्टी ने मुझे मौका दिया और मैं लगातार वहां से जीत दिलाता रहा। यदि अनूप मिश्रा ने भगवान सिंह को हराया तो मैंने भी हराया है। उन्होंने कहा कि जहां तक दक्षिण से टिकट की बात है तो मैंने एक बार पार्षद और चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ा है, लेकिन टिकट के लिए कभी दावा नहीं ठोका। पार्टी ने ही सामाजिक और अन्य फैटर देखकर टिकट दिया। पार्टी किसी दावे के बजाय क्षेत्र में काम करने वाले का पता कर सर्वे के आधार पर टिकट देती है।

हार का कारण मत पूछो

वर्ष 2018 के चुनाव में मात्र 121 मतों से हुई पराजय के सवाल पर उन्होंने खीजते हुए कहा कि इस हार का कारण मत पूछो, नहीं तो जो बागी हुईं वह तो है ही, मेरा मुंह खुला तो उन बड़े नेताओं की पोल खुल जाएगी जिन्होंने उनके लिए काम किया। कई बड़े नेता मेरी लोकप्रियता नहीं पचा पा रहे थे। उन्होंने खुलासा किया कि उनकी वजह से भाजपा को ग्यारह सीटें गंवाना पड़ी।

योजना ठीक नहीं इसलिए हारे महापौर सीट

नगर निगम में 57 वर्ष बाद महापौर सीट हारने का कारण उन्होंने चुनाव में योजना का ठीक नहीं होना बताया। उनसे जब पूछा गया कि या चेहरे के कारण चुनाव हारे, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, पहले भी कुछ बोगस चेहरे चुनाव लड़े हैं जो संगठन के कारण चुनाव जीते हैं, इसलिए योजना ठीक होगी तो पार्टी को पराजित नहीं किया जा सकता।

दक्षिण की योजनाएं अधूरी

पिछले सवा चार वर्ष से दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक द्वारा किए गए कार्यों के सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायक प्रवीण पाठक के कार्य करने की एक अपनी शैली है, फिर भी हमने जिस तरह से दक्षिण विधानसभा में योजनाबद्ध तरीके से काम कराए थे, उसमें कई योजनाएं अभी अधूरी हैं जिन्हें अगले सत्र में पूरा किया जाएगा।




Updated : 18 May 2023 9:21 AM GMT
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