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लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश कितना कारगर ?

रंजना मिश्रा

लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश कितना कारगर ?
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लव जिहाद कथित रूप से गैर मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराने के लिए किया जाने वाला प्रेम का झूठा नाटक है‌। देशभर में अनेकों ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें अपनी पहचान छुपाकर हिंदू लड़कियों को फंसाया जाता है और उनपर जबरन इस्लाम धर्म कबूल कर शादी करने का दबाव बनाया जाता है। यदि लड़की इससे इनकार करती है तो उसकी हत्या तक कर दी जाती है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' पास कर दिया है। इस अध्यादेश का उद्देश्य है कि जबरन दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छलकपट से होने वाले धर्म परिवर्तनों को रोका जा सके। इसके साथ ही इस अध्यादेश के माध्यम से दूसरे धर्म में शादी करके किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को भी रोका जा सकेगा। इस अध्यादेश के मुताबिक यदि केवल शादी के लिए लड़की का धर्म बदला जाएगा तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित हो जाएगी बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

यह निश्चित है कि ऐसा अध्यादेश इस प्रकार के होने वाले अपराधों पर बहुत हद तक अंकुश लगाएगा, पर बहुत से लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि पहले से ही अनेकों कानून हैं, इसके बावजूद अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं तो नया कानून बनाने से क्या फर्क पड़ जाएगा। सच तो यह है कि कानून बनाना आसान है किंतु इसका पालन बहुत कठिन है। अपराधी व्यक्ति द्वारा पीड़ित महिला और उसके परिवार को तरह-तरह से डराया-धमकाया जाता है और उन्हें जान से मार देने की धमकी तक दी जाती है। ऐसी स्थिति में पीड़ित महिला और उसके परिवार द्वारा कानून की मदद ले पाना बहुत कठिन हो जाता है। परिवार शिकायत करने से भी डरता है। जिससे अपराधियों का मनोबल और बढ़ जाता है। कई बार इन अपराधियों के संबंध कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं से भी होते हैं जिसके कारण पीड़िता की शिकायत भी दर्ज नहीं की जाती, ऐसे में यह कानून समाज में फैल रहे इस कोढ़ को किस हद तक समाप्त कर पाएगा, यह आने वाला समय बताएगा।

कानून के साथ-साथ हमें समाज को भी जागरूक बनाना होगा। जिससे कोई बेटी ऐसे फरेबियों के जाल में फंस कर अपनी और अपने परिवार की जिंदगियों को बर्बाद न करे। आजकल प्रेम के नाम पर महिलाओं और बेटियों को बहुत सजग रहने की आवश्यकता है। हालांकि कई पार्टियों और बुद्धिजीवी कहे जाने वाले लव जिहाद पर ही सवाल उठा रहे हैं और इस शब्द को झूठा साबित कर रहे हैं। किंतु देश में इस प्रकार की बढ़ती हुई घटनाओं को झुठलाया नहीं जा सकता, भले ही आप इन्हें किसी भी नाम से पुकारें। इन कुकृत्यों पर रोक लगाने के लिए कोई न कोई कदम उठाना बहुत आवश्यक है। पर केवल कानून बनाने भर से इसका निराकरण हो पाएगा ऐसा कह पाना बहुत कठिन है।

(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

Submitted By: Sanjeev Pash Edited By: Sanjeev Pash Published By: Sanjeev Pash at Dec 4 2020 3:33PM

Updated : 4 Dec 2020 3:15 PM GMT
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