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नहीं भूलूंगा तिल्ली के लडडू - स्व. रघुनाथ राव पापरीकर

ग्वालियर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर स्व डॉ रघुनाथ राव पापरीकर ने अपने संस्मरण में अटल जी की यादों को संजोया है.

नहीं भूलूंगा तिल्ली के लडडू - स्व. रघुनाथ राव पापरीकर
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ग्वालियर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर स्व डॉ रघुनाथ राव पापरीकर ने अमृत अटल में उल्लेखित अपने संस्मरण में अटल जी की स्मरण शक्ति और आदर सत्कार का जिक्र किया है। डॉ पापरीकर ने अटल जी के दिल्ली आवास की एक घटना का उल्लेख करते हुए लिखा कि अटल जी नेता प्रतिपक्ष थे और वे (डॉ पापरीकर) ग्वालियर में शिवाजी की प्रतिमा लगाने के सिलसिले में उनसे मिलने गए थे। जैसी ही वो उनके आवास पर पहुंचे अटल जी ने दूर से ही उन्हें पहचान लिया और बोले " डाकसाहब कैसे आना हुआ। " फिर मकर संक्रांति का दिन होने के कारण अटल जी ने तिल्ली के लडडू खाने को दिए इसके बाद शिवाजी की प्रतिमा के सम्बन्ध में चर्चा होने पर उन्होंने मदद के लिए 5 हजार रुपये भी दिए।

डॉ पापरीकर ने बताया है कि अटल जी से उनका संबंध तब का है जब वो छात्र हुआ करते थे और साईकिल पर बैठकर डॉ पुस्तके के पास आया करते थे। डॉ पुस्तके अटल जी के पिताजी के मित्र थे और मेरे मामा। हमारा परिवार तब नयाबाजार में उनके घर के पास ही रहता था इसलिए अटल जी वहां आते थे मुलाकात हो जाती थी।

डॉ पापरीकरआगे बताते हैं कि अटल जी से उनकी आत्मीयता देखकर बहुत से कोंग्रेसी उनसे ईर्ष्या रखते थे। वे बताते हैं कि एक बार अटल जी प्रधानमंत्री बनने के बाद जब ग्वालियर हवाई अड्डे पर आये थे , उन्होंने दूर से ही उन्हें आवाज लगाकर कहा " डाकसाहब कैसे हो " तब वहां मौजूद बहुत से कोंग्रेसी नेताओं को काफी ईर्ष्या हुई थी। डॉ पापरीकर व्यक्तिगत रूप से अटल जी के प्रशंसक रहे हैं।

Updated : 17 Aug 2018 6:39 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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