Home > स्वदेश विशेष > भूख बनी भारत के लिए गंभीर संकट

भूख बनी भारत के लिए गंभीर संकट

भूख बनी भारत के लिए गंभीर संकट
X

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत एक फिर से पिछड़ गया है यही नहीं दक्षिण एशियाई देशों में भी सबसे निचले पायदान पर है जबकि उसके पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश की रैंकिंग उससे बेहतर है। भारत को छोड़कर बाकी दक्षिण एशियाई देश 66वें से 94 स्थान के बीच हैं। भारत ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) के बाकी देशों से बहुत पीछे है। ब्रिक्स का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश दक्षिण अफ्रीका 59वें स्थान पर है। बता दें कि भुखमरी एवं कुपोषण पर नजर रखने वाले जीएचआई की वेबसाइट में बुधवार को बताया गया कि बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत समेत 17 देश पांच से कम जीएचआई अंक के साथ शीर्ष स्थान पर रहे। आयरलैंड की एजेंसी 'कन्सर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन 'वेल्ट हंगर हिल्फे द्वारा संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में भारत में भुखमरी के स्तर को ''गंभीर बताया गया है। इस इंडेक्स में

हम आपको बता दें कि अधिकतर मामले में भारत पाकिस्तान से आगे है, चाहे वह राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय, खेल, भौगोलिक, राजनैतिक, आर्थिक आदि हो। लेकिन कुछ मामलों में पाकिस्तान भी भारत से आगे पायदान पर काबिज है। बताया जा रहा है कि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 102वें स्थान पर पिछड़ गया है, बता दें कि यह दक्षिण एशियाई देशों का सबसे निचला पायदान है, इस लिस्ट में भारत, पाकिस्तान से भी पीछे हो गया है। दरअसल, इस वर्ष सूची में पाकिस्तान, भारत से आगे निकलकर 94वां स्थान हासिल किया है। 2015 में भारत की ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) रैंकिंग 93 थी, उस वर्ष दक्षिण एशिया में सिर्फ पाकिस्तान ही ऐसा देश था, जो इस इंडेक्स में भारत से नीचे आया था।

गौरतलब है कि भारत पिछले साल 119 देशों में 103वें स्थान और 2000 में 113 देशों में 83वें स्थान पर था। इस बार देश 117 देशों में 102वें स्थान पर रहा है। भारत के जीएचआई अंक में गिरावट आई है। भारत का जीएचआई अंक 2005 में 38.9, 2010 में 32 और 2010 से 2019 के बीच 32 से 30.3 अंक के बीच रहा।जीएचआई अंक की चार संकेतकों के आधार पर गणना की जाती है-अल्पपोषण, बच्चों के कद के हिसाब से कम वजन होना, बच्चों का वजन के हिसाब से कद कम होना और बाल मृत्युदर।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में कद के हिसाब से कम वजन होने की भागीदारी 2008-2012 में 16.5 प्रतिशत से बढ़कर 2014-18 में 20.8 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया कि छह महीने से 23 महीने के सभी बच्चों में से केवल 9.6 प्रतिशत बच्चों को ''न्यूनतम स्वीकार्य आहार दिया गया। इसमें कहा गया है, ''भारत में कद से हिसाब से बच्चों का वजन कम होने की दर अत्यधिक है जो 20.8 प्रतिशत है। यह दर इस रिपोर्ट में शामिल देशों में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार संघर्ष पीड़ित एवं जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जूझ रहे यमन और जिबूती जैसे देशों ने भी इस मामले में भारत से अच्छा प्रदर्शन किया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि नेपाल (73), श्रीलंका (66), बांग्लादेश (88), म्यामां (69) और पाकिस्तान (94) जैसे भारत के पड़ोसी देश भी 'गंभीर भुखमरी की श्रेणी में है लेकिन उन्होंने भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस सूचकांक में चीन 25वें स्थान पर है और वहां भुखमरी का स्तर कम है जबकि श्रीलंका में भुखमरी की समस्या का स्तर 'मध्यम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर, बच्चों का कद छोटा होना और अपर्याप्त भोजन के कारण होने वाला अल्पपोषण जैसे अन्य पैमानों पर सुधार किया है। रिपोर्ट में केंद्र सरकार के 'स्वच्छ भारत कार्यक्रम जिक्र करते हुए कहा गया है कि खुले में शौच की समस्या अब भी है।

दुनिया ने वर्ष 2000 के बाद भूख के संकट को कम तो किया है, लेकिन इस समस्या से पूरी तरह निजात पाने की दिशा में अब भी लंबी दूरी तय करनी होगी।

Updated : 17 Oct 2019 8:14 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Amit Senger

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top