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प्रवासी श्रमिकों को घर में मिलने लगा काम, लौटी रौनक

राजलखन सिंह

प्रवासी श्रमिकों को घर में मिलने लगा काम, लौटी रौनक
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ग्वालियर, न.सं.। लॉकडाउन के दौरान मुश्किल हालात का सामना कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि जिला प्रशासन ने इन श्रमिकों को घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने की सार्थक पहल शुरू की है। कुछ श्रमिकों को मनरेगा व अन्य योजनाओं में काम पर लगा दिया है। जिससे उनके जीवन व परिवासी में छाई मायूसी मिटने लगी है और फिर से खुशहाली लौट आई है। प्रशासन ने पहले चरण में करीब 9 हजार प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित करने के साथ ही उनका पंजीयन कराया है। श्रमिकों को तीन श्रेणियों कुशल, अद्र्धकुशल एवं अकुश में बांटकर उनके काम के अनुसार करीब 80 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। शेष सभी श्रमिकों को गांव, आसपास की फैक्ट्रियों, ठेकेदारों, रोजगारपरक विभागों व अन्य जगहों पर काम दिलाया जाएगा। प्रशासन ने तय किया है कि इन जगहों पर रोजगार सीधा प्रवासी मजदूरों को मिलेगा, जिन्होंने लॉकडाउन की सबसे बड़ी कीमत चुकाई है।

लॉकडाउन के दौरान जिले में बस, टे्रन, निजी साधन व पैदल चलकर करीब तीस हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक बाहर से आए हैं। जिसमें से करीब 9 हजार ऐसे श्रमिक हैं, जो बाहरी राज्यों में काम करते थे। प्रशासन ने पहले चरण में 8 हजार 565 प्रवासी पंजीकृत किए हैं, जिसमें 3 हजार 304 शहरी एवं 5 हजार 261 ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। जबकि 168 नियोक्ताओं द्वारा अपना पंजीकृत कराया गया है। 21 हजार ऐसे श्रमिक व युवक हैं, जो प्रदेश के अन्य जिलों में व राज्यों नौकरी, स्वरोजगार व अपनी योग्यता के अनुसार अन्य काम करते थे। जिला पंचायत व उद्योग विभाग ने इन सभी श्रमिकों का संबल, मनरेगा सहित अन्य सरकारी योजनाओं में उनकी दक्षता के अनुसार पंजीयन कराया है। अब दूसरे चरण में प्रशासन इन प्रवासी श्रमिकों को उनकी कार्यकुशलता व अनुभव के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने काम भी प्रशासन ने शुरू कर दिया है और मनरेगा के तहत करीब 2100 श्रमिकों को जॉब कार्ड दिए गए हैं और उन्हें काम भी मिल गया है। खास बात यह है कि प्रशासन ने फैक्ट्री, रोजगारपरक व ठेकेदारों के भी पंजीयन करा रहा है ताकि उनकी मांग के अनुसार श्रमिक उपलब्ध कराए जा सकें। श्रमिकों ने बताया कि अब उनके जीवन में छाई मायूसी छटने लगी है और रोजगार मिलने से परिवार के लोग भी खुश हैं।

रुकी हुई परियोजनाएं होंगी शुरू

जिला प्रशासन ने ऐसी योजना बनाई है कि ग्रामीणा क्षेत्रों में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा व निर्माण के संबंधित जो काम रुके हुए हैं, उन्हें शुरू कराया जाएगा। इसके साथ ही अन्य नए कामों को भी कराने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रशासन का लक्ष्य है कि इन योजनाओं के शुरू होने से करीब डेढ़ से दो हजार नए रोजगार सृजित होंगे और इनमें लॉकडाउन के दौरान बाहर से श्रमिक व युवाओं को उनकी दक्षता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रशासन ने इस तरह किया चिन्हित व कराया पंजीयन

-श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराकर उन्हें श्रेणीवार चयनित किया गया।

-श्रमिकों की रोजगार सेतु एप पर सूची भेजी गई।

-श्रमिकों को उनकी योग्यता के आधार पर चिन्हित किया।

यहां मिलेगा रोजगार

-प्रधानमंत्री सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग के पीआईयू विंग में काम मिलेगा।

-ठेकेदार व फैक्ट्रियों, रोजगारमूलक विभाग के भी पंजीयन कराए जा रहे हैं और उन्हें यह बताया जाएगा कि यदि उन्हें श्रमिकों की जरूरत है तो रोजगार पोर्टल से श्रमिकों की जानकारी लें।

-उसके बाद भी यदि श्रमिकों को काम नहीं मिलता है तो रोजगार मेला के माध्यम से उन्हें काम दिलवाया जाएगा।

-श्रमिकों को संबल व भवन श्रम कर्मगार मंडल में भी पंजीकृत किया गया है। जिससे दुर्घटना मृत्यु में चार लाख, सामान्य मृत्यु में दो लाख, विवाह सहायता योजना में 51 हजार, स्थाई अपंगता में दो लाख रुपए मिलेगा।

-उन्हें पीडीएस के तहत राशन मु त में मिलेगा।

-यदि कोई श्रमिक स्वरोजगार स्थापित करना चाहता है तो उसे ऋण दिया जाएगा।

अन्य प्रांतों से यह आए श्रमिक, जिनका हुआ पंजीयन

स्थानीय निकाय पंजीकृत श्रमिक

जनपद पंचायत भितरवार 1186

जनपद पंचायत डबरा 1174

जनपद पंचायत घाटीगांव 956

जनपद पंचायत मुरार(ग्रामीण) 1943

नगर निगम ग्वालियर 2804

नगर पालिका डबरा 268

नगर परिषद भितरवार 105

नगर परिषद बिलौआ 46

नगर परिषद आंतरी 39

नगर परिषद पिछोर 42

कुल योग 8565

इन प्रमुख योजनाओं में कराया पंजीयन

संबल योजना- 5261

मनरेगा- 2100(जॉब कार्ड दिए)

अन्य मदों में पंजीयन- 1204

इनका कहना है

बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिकों की सूची बनाकर उनका विभिन्न मदों में पंजीयन कराया जा रहा है। प्रत्येक श्रमिक की स्किल मैपिंग भी कराई गई है। सभी रोजगारमूलक विभाग, फैक्ट्री तथा कारखाना ठेकेदार आदि को निर्देशित किया है कि जिले में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु रोजगार सेतु पोर्टल पर अपना पंजीयन करा लें। पंजीकृत श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप उक्त जगहों पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। श्रमिकों को यहीं पर रोजगार मिले इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। नई योजनाएं शुरू करने के साथ ही जिले में जो काम रुके हुए हैं उन्हें भी जल्द से जल्द शुरू कराया जाएगा।

-शिवम वर्मा

मु य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत

लॉकडाउन के दौरान काम-धंधा बंद होने की वजह से कई श्रमिक घर वापस आ गए हैं। यह वे लोग थे, जिनकी खेती का काम समाप्त होने के बाद वह बाहर चले गए थे। प्रशासन के सहयोग से हमारा प्रयास है कि इन लोगों को यहीं पर रोजगार मिले और उन्हें बाहर न जाना पड़े। यदि खेती को मनरेगा से जोड़ दिया जाए तो उन्हें पूरे साल यहीं पर काम मिल सकता है। इस तरह के सुझाव भी अधिकारियों को दिए हैं।

-रामेन्द्र गुर्जर

सरपंच सिरसा

खेती का काम पूरा होने के बाद काम की तलाश में बाहर चला गया, तभी लॉकडाउन हो गया। लंबे इंतजार के बाद वापस आ सका, लेकिन यहां पर चिंता यही सता रही थी कि अब काम क्या करेंगे। लेकिन प्रशासन ने हमारा पंजीयन कराने के साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

-सुरेश गौंड

निवासी सिरसा

अहमदाबाद में टाइल्स का काम करता था। काम-धंधा बंद होने के बाद घर वापस लौटा। अब यहां पर प्रशासन के सहयोग से मनरेगा में काम मिल गया है। आगे यदि टाइल्स का काम मिलता है तो वह करूंगा।

-सकीर खान

मिस्त्री

Updated : 3 July 2020 5:08 PM GMT
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Rajlakhan Singh

Journalist, Swadesh Digital


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