Home > स्वदेश विशेष > मेरा गांव मिलेगा क्या

मेरा गांव मिलेगा क्या

-देवदत्त मिश्रा

मेरा गांव मिलेगा क्या
X

सुना है बहुत कुछ मिलता है शहरों में

साहब मेरा गांव मिलेगा क्या....

क्या शहर की भाग दौड़ वाली जिंदगी में

सोंधी मिट्टी की खुशबू ,वो पेड़ों की छांव

वो सुकुन वो आराम मिलेगा क्या

साहब मेरा गांव मिलेगा क्या.....

क्या शहरों के इन बनावटी रिश्तों में

वो प्रगाढ़ प्रेम-भाव मिलेगा क्या ...

चोट किसी को लगे दर्द सभी को हो

ऐसा लगाव मिलेगा क्या...

सुना है बहुत कुछ मिलता है शहरों

साहब मेरा गांव मिलेगा क्या ....

Updated : 28 April 2020 8:38 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top