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मन में समाई थी भाजपा तो लौटना ही था : समीक्षा गुप्ता

मन में समाई थी भाजपा तो लौटना ही था : समीक्षा गुप्ता
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दक्षिण विधानसभा से एक को जीतना और शेष को हारना था

ग्वालियर विशेष प्रतिनिधि। श्रीमती समीक्षा गुप्ता आज से 15 साल पूर्व ग्वालियर के लिए एक अनजान चेहरा थीं। किंतु निगम चुनाव में उनके आकर्षक व्यक्तित्व के चित्र जब वार्ड 55 के गली मोहल्लों में दिखाई दिए तो जनता ने उन्हें पार्षद चुनने की ठान ली और परिषद पहुंचा दिया।इसमें उनके राजनीतिक परिवार होने की भी एक भूमिका रही। फिर यह व्यक्तित्व इतना लोकप्रिय हुआ कि पांच वर्ष बाद सीधे ग्वालियर का महापौर बन गया। इस दौरान उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को आज भी याद किया जाता है। इसी लोकप्रियता के कारण श्रीमती गुप्ता के मन में विधायक बनने की इच्छा जागी, इसी महत्वाकांक्षा के चलते वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा, किंतु संगठन ने पुराने चेहरे नारायण सिंह कुशवाह पर ही भरोसा किया। तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरकर चाबी चुनाव चिन्ह पर 30 हजार मत हासिल कर अपनी दमदार उपस्थिति भी दर्ज कराई। हालांकि निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं को उनका निर्दलीय चुनाव लडना एक पीड़ा भी दे गया।। अपनों की इस लड़ाई में कांग्रेस ने बाजी मारी और युवा चेहरे प्रवीण पाठक को विधायक बनने का मौका मिल गया। इस तरह समीक्षा गुप्ता लगभग 21 माह तक भाजपा से दूर होकर सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़ी रहीं। अब वह पुनः भाजपा में आ गई हैं। उनके मन में यह कसक थी कि उनके परिवार का भाजपा से 40 वर्षों का नाता है, इसलिए इसी दल में वापसी करना ही उचित है। स्वदेश ने इन सभी मुद्दों पर श्रीमती गुप्ता से विशेष चर्चा की।

सवालः 21 माह बाद आप वापस भाजपा में आ गई हैं, अब कैसा लग रहा है?

जवाबः उस समय किन्ही परिस्थितियों के कारण यह सब हुआ, चूंकि परिवार की निष्ठाएं 40 वर्षों से भाजपा में हैं और मेरे मन में भी भाजपा ही समाई हुई है, इसलिए वापस लौट आई।

सवालः भाजपा में आने के बाद क्या कोई नई जिम्मेदारी दिए जाने की बात हुई है?

जवाबः भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद हमारी वापसी हुई है, किंतु ऐसा कुछ नहीं है कि हमने कोई शर्त रखी है। पार्टी हमारा जिस तरह भी जहां भी उपयोग करना चाहेगी, हम उसके लिए तैयार हैं। वैसे आगामी लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को उप चुनाव में विजय दिलाने का है और निश्चित ही भाजपा इस चुनाव में जीतेगी।

सवालः यह कहा जाता है कि पूर्व मंत्री एवं दक्षिण विधानसभा से लगातार विजयी हो रहे नारायण सिंह कुशवाहा को सिर्फ आपकी वजह से पराजित होना पड़ा ?

जवाबः इस बारे में मैं क्या कहूं, किसी को तो हारना ही था, विजयी तो सिर्फ एक ही हो सकता है।

सवालः आपने विधानसभा चुनाव में 30 हजार से अधिक मत हासिल किए, इसे किस तरह से देखती हैं?

जवाबः मैंने यह चुनाव जनता और समर्थकों के दबाव में ही लड़ा था। जिसमें मैंने किसी भी दल के नेता या अन्य तरह से अनर्गल प्रचार नहीं किया। जनता की आवाज उठाने ही मैं चुनाव मैदान में उतरी। बिना किसी दल के 30 हजार मत आना सम्मानजनक है। यह जनता की जीत है। जिन्होंने भी इस दौरान मेरा साथ दिया मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं।

सवालः महापौर के बाद ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से टिकट के लिए आखिर आपका नाम क्यों नहीं आया।

जवाबः मेरा मानना है कि युवा एवं महिलाओं को प्राथमिकता से मौका मिलना चाहिए था। किन्ही कारणों से ऐसा नहीं हुआ, कहीं न कहीं सामंजस्य की कमी रही होगी। मुझे भी लग रहा था कि पार्टी टिकट देगी।

सवालः पार्षद के बाद महापौर रहते आप अपने आप को कितना सफलतम मानती हैं और क्या विकास कार्य कराए।

जवाबः मेरे कार्यकाल में शहर में काफी विकास कार्य हुए। शहर में 19 नई पानी की टंकियां बनाई गईं, ताकि हर गली बस्ती में पेयजल पहुंच सके। थीम रोड, कई चौराहे, फोरलेन सड़कें, बिजली के पोल शिफ्ट, स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती सहित अन्य कई विकास कार्य कराए गए। इनमें टाउनहॉल और विक्टोरिया मार्केट हमारे ही समय के हैं। गोरखी स्कूल में अटलजी के नाम पर सौंदर्यीकरण की शुरुआत मेरे समय में ही हुई। दुर्भाग्य से उक्त तीनों कार्य अभी तक नहीं हो सके हैं।

सवालः ग्वालियर दक्षिण की क्या समस्याएं हैं और भविष्य में आपकी क्या कार्य योजनाएं हैं।

जवाबः सिर्फ दक्षिण ही नहीं, प्रत्येक विधानसभा में जनता की मूलभूत जरूरतें पूरा होना चाहिए। वैसे मैं महापौर रही हूं, इसलिए मेरी सोच पूरे शहर के लिए है। भविष्य में दक्षिण में भाजपा ही जीतेगी।इसके अलावा आगामी विधानसभा उपचुनाव में ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, डबरा के साथ ही मुरैना में प्रचार करने की योजना है।

सवालः राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हुए हैं। इसे किस दृष्टि से लेती हैं।

जवाबः श्री सिंधिया हमेशा ही ग्वालियर चंबल संभाग के विकास के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनके भाजपा में आने से पार्टी तो मजबूत होगी ही, साथ ही विकास कार्यों में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। जिसका लाभ सभी को मिलेगा।

सवालः इस समय ग्वालियर चंबल संभाग चीनी संक्रमण से जूझ रहा है, ऐसे में राजनीतिक दलों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। क्या कहना चाहेंगी।

जवाबः निश्चित ही प्रशासन को सतर्कता से काम लेना होगा। राजनैतिक दलों को भी मर्यादित रहना चाहिए, ताकि आमजन इस संक्रमण से निजात पा सकें।

Updated : 17 Sep 2020 12:15 AM GMT
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