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किस्मत ने अखाड़े से निकालकर कबड्डी के मैदान तक पहुंचाया, अब बने करोड़पति

किस्मत ने अखाड़े से निकालकर कबड्डी के मैदान तक पहुंचाया, अब बने करोड़पति
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स्वदेश वेब डेस्क। मेहनत और लगन का फल एकदिन जरुर मिलता है इसलिए कभी मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए। कुछ ऐसी ही लगन के साथ छोटे-छोटे गांव और शहरों से आने वाले खिलाड़ियों ने अपनी जीतोड़ मेहनत से प्रो कबड्डी लीग में सबका दिल जीत लिया है। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं बागपत के मलकपुर के निवासी नितिन तोमर।

तोमर को पिछले संस्करण में यूपी योद्धा ने 93 लाख की ऐतिहासिक रकम में खरीदा था वह पिछली बार सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी बने और इस बार छठें संस्करण के लिए पुनेरी पल्टन ने उन्हें 1.15 करोड़ रूपये में खरीदा, लेकिन शुरूआती जिंदगी में नितिन कबड्डी खिलाड़ी नहीं बनना चाहते थे। बचपन में तोमर का पूरा दिन अखाड़े में बितता था और वह एक पहलवान बनना चाहते थे। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था।

नितिन ने बताया कि बचपन में पहलवान बनना चाहते थे लेकिन किस्मत कबड्डी में खींच लाई। मेरे दोनों चाचा अशोक और प्रह्लाद तोमर पहलवान हैं। मैं भी बचपन से उनकी तरह पहलवानी करना चाहता था। उन्होंने बताया कि वह महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे जहां पर पहलवानी के लिए कोई सुविधा नहीं थी जिसके कारण मैं अपना सपना छोड़कर कबड्डी को चुनना पड़ा।

उन्होंने बताया कि एक बार इंटर स्कूल कबड्डी टूर्नामेंट में मेरा प्रदर्शन देखकर मेरे शिक्षकों ने मुझे कबड्डी में अपना कैरियर बनाने की सलाह दी फिर मैंने उनकी बात सुनकर कबड्डी को सीरियसली लिया। नई टीम पुनेरी पल्टन के साथ सामंजस्य बिठाने के सवाल पर नितिन ने कहा कि लीग में जिसके साथ खेलते हैं, वो खिलाड़ी लगभग वही होते हैं, जिनके साथ हम पहले खेल चुके होते हैं। हां ये है कि नई टीम आई है तो संयोजन बनाना पड़ेगा। नितिन को नीलामी में पुनेरी पल्टन ने 1.15 करोड़ रुपये में खरीदा है। इससे पहले पिछले संस्करण में उन्हें यूपी ने 93 लाख रुपये की भारी भरकम रकम देकर खरीदा है। अपनी बोली से खुश नितिन ने कि मैं पुनेरी पल्टन टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिसने मुझे एक करोड़ रूपये से भी अधिक में खरीदा और मुझ पर भरोसा जताया।

महंगा खिलाड़ी बनने के बाद अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा? इस सवाल का जवाब देते हुए नितिन ने कहा, "दबाव वाली कोई बात नहीं है, लेकिन हां मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी। फोकस ज्यादा करना पड़ेगा। अच्छा प्रदर्शन करना होगा और टीम को ज्यादा से ज्यादा देना होगा। लीग के छठें संस्करण में पुनेरी पल्टन के लिए मैं बेहतर प्रदर्शन करना चाहूंगा। मेरा लक्ष्य पुनेरी को चैम्पियन बनाना है। मैं मेहनत और अनुशासन से यहां तक पहुंचा हूं। पल्टन ने जो मेरे ऊपर भरोसा जताया है उसपर मैं खरा उतरने की कोशिश करूंगा। " कबड्डी में युवाओं के भविष्य पर उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ियों को कबड्डी में भविष्य सुनहरा है। पहले क्रिकेट का क्रेज था, लेकिन अब कबड्डी ने अपनी पहचान बना ली है। अब हर कोई कबड्डी खिलाड़ियों को जानने लगा है। पहले कबड्डी गावों में खेला जाता था, लेकिन अब यह शहरों का भी लोकप्रिय खेल हो गया है।

उल्लेखनीय है कि कबड्डी लीग के छठे का संस्करण का आगाजज 5 अक्टूबर 2018 को होगा और टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 5 जनवरी 2019 को खेला जाएगा। कबड्डी लीग की सफलता को देखते हुए 5वें सीजन में टीमों की संख्या 8 से 12 कर दी गई थी और 13 हफ्तों तक चले टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 138 मुकाबले खेले गए थे। इस साल भी टूर्नामेंट 13 हफ्तों तक ही चलेगा। 12 टीमों को 2 ग्रुप में बांटा जाएगा और दोनों ही ग्रुप में 6-6 टीमों को रखा जाएगा। प्ले ऑफ में एक बार फिर 3 एलिमिनेटर मुकाबले और 2 क्वालीफायर खेले जाएंगे। इसके बाद फाइनल मुकाबला 5 जनवरी 2019 को होगा।

Updated : 13 Sep 2018 4:16 PM GMT
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