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जेठमलानी का वकालत से लेकर राजनीतिक करियर, जानें उनके बारे में सबकुछ

जेठमलानी का वकालत से लेकर राजनीतिक करियर, जानें उनके बारे में सबकुछ
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नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में आज निधन हो गया। उनकी गिनती देश के दिग्गज वकीलों में होती थी। बेहतरीन वकीलों में गिने जाने वाले जेठमलानी ने अपने जीवन में कई बड़े केस लड़े और जीते थे। सुप्रीम कोर्ट के सबसे महंगे वकील रहे जेठमलानी ने कई मामलो में बिना शुल्क लिए भी कई केस लड़े। राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर में जो आजकल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में है, भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी व उनकी पत्नी पार्वती भूलचन्द के यहां हुआ था। बंटवारे के बाद वे भारत आ गए थे।

6वीं व 7वीं लोकसभा में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते। उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय कानून मन्त्री व शहरी विकास मन्त्री भी बनाया गया था। विवादित बयानों के चलते उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया था। तब उन्होंने वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 का चुनाव लड़ा किन्तु हार गये थे। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया।

राम जेठमलानी इतने विद्वान और होनहार छात्र थे कि स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में ही पास कर गए थे। इस कारण 13 साल की उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक का इम्तिहान पास कर लिया था। 17 साल की उम्र में उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी। उस समय वकालत करने के लिये 21 साल की उम्र जरूरी थी मगर जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास कर 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गई। बाद में उन्होंने एससी साहनी लॉ कॉलेज कराची एलएलएम की डिग्री प्राप्त की।

18 साल के होते ही राम जेठमलानी की शादी कर दी गई थी। उनकी पहली पत्नी का नाम दुर्गा है। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के कुछ ही दिन बाद उन्होंने रत्ना साहनी नाम की एक महिला वकील से दूसरी शादी कर ली थी। उनकी दोनों पत्नियों से कुल चार बच्चे हैं-रानी, शोभा और महेश, तीन दुर्गा से तथा एक जनक, रत्ना से।

लेते थे मोटी फीस

सुप्रीम कोर्ट- 25 लाख और उससे ज्याद

दिल्ली हाईकोर्ट- 25 लाख और उससे ज्यादा

कई हाईप्रोफाइल केस जेठमलानी के नाम

जेठ मलानी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी की थी।

जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी ने आरोपी मनु शर्मा की तरफ से पैरवी की थी।

उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की पैरवी किए।

2G घोटाले में डीएमके नेता कनिमोझी की पैरवी किए।

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से पैरवी किए।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पैरवी किए।

शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में पैरवी किए।

टूजी घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई।

साल 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा की और से पैरवी किए।

चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी किए।

2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पैरवी किए।

जेठमलानी ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से भी पैरवी की थी।

बड़े कारोबारियों में से एक सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय के लिए राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी किए।

जेठमलानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि का केस भी लड़ा।

Updated : 8 Sep 2019 6:25 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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