Home > स्वदेश विशेष > दुश्मन के छक्के छुड़ाएगी 'धनुष'

दुश्मन के छक्के छुड़ाएगी 'धनुष'

-दुश्मन के राडार को चकमा देने में सक्षम है यह तोप -स्वदेशी तोप की ताकत से थर्राये हुए हैं कई देश

दुश्मन के छक्के छुड़ाएगी धनुष
X

जबलपुर। भारतीय सेना को सोमवार को स्वदेशी तकनीक और ताकत से बनाई गईं 'धनुष' तोपों की पहली खेप सौंप दी गई। प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के खमरिया स्थित आयुध निर्माणी (गन कैरिज फैक्ट्री) में निर्मित इन 155 एमएम/45 कैलिबर गन यानी 'धनुष' तोप को स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है। आज एक कार्यक्रम में इन तोपों को भारतीय सेना को सौंप दिया गया। इस खेप में कुल छह तोपें शामिल हैं। अब आयुध निर्माणी को 114 और तोपों के निर्माण का जिम्मा मिल गया है।

आयुध निर्माणी प्रशासन ने बताया है कि 'धनुष' तोप बेहद उम्दा है। इन्हें आधुनिक समय के हिसाब से अपग्रेड किया गया है। इन तोपों पर ठंडे व गर्म मौसम का कोई असर नहीं होता है। इससे भारतीय सेना की ताकत और मजबूत होगी। आयुध निर्माणी के अधिकारियों ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों को इस तोप की खूबियों से अवगत कराया। प्रशासन ने इन आधा दर्जन धनुष तोपों को भारतीय सेना को सौंपते हुए कहा कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित ये तोपें जमीन और आकाश में सामान रूप से मार कर सकती हैं। उन्नत इलेक्ट्रानिक तकनीक से विकसित इन तोपों को दुश्मन का राडार भी नहीं पकड. सकता है।इस तोप की ताकत से कई देश थर्राये हुए हैं।

कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन सचिव डॉ. अजय कुमार के मुख्य अतिथि और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के महानिदेशक सौरभ कुमार के अलावा कमाडेंट आर्टिलरी स्कूल आरएस कलारिया, लेफ्टिनेंट जनरल आर्टिलरी पीके श्रीवास्तव, हरि मोहन बोर्ड मेंम्बर, रजनीश जौहरी ओएफबी के जीएम आदि लोग मौजूद रहे।

आयुध निर्माणी को मिला 114 धनुष तोपें बनाने का लक्ष्य

भारतीय सेना को जबलपुर की आयुध निर्माणी के सोमवार को पहली खेप में आधा दर्जन धनुष तोपें सौंपने के बाद अब उसे 114 तोपों के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इन तोपों का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत स्वदेशी तकनीक पर किया जा रहा है। यह जानकारी रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन रक्षा मंत्रालय के लिए बहुत खुशी का दिन है, जब हम अपनी स्वदेशी धनुष तोप को सेना के हवाले कर रहे हैं। आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी।

ये हैं तोप की कुछ खासियतें

-ये 38 से 40 किमी तक मार कर सकती हैं।

-धनुष का वजन 13 टन से भी कम है।

-इसकी लागत 14 से 16 करोड. है।

-ये आधुनिक और कंप्युटीकृत सिस्टम से लैस हैं।

-ये सभी तरह के मौसम में मारक क्षमता में दक्ष हैं।

-यह लगभग 150 मीटर का एरिया तबाह करती है।

-यह अपनी लोकेशन को खुद ही टारगेट करती है।

-कमांड मिलने पर यह खुद ही फायर करती है।

-इसकी फायर क्षमता लगभग 18-20 राउंड प्रति मिनट है।

-ये जमीन से जमीन और आकाश में सामान रूप से लक्ष्य साध सकती हैं।

Updated : 8 April 2019 2:11 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top