'टेढ़े' मुख्यमंत्री की साफगोई: इंदौर का कोई प्रभारी मंत्री नहीं, मुख्य सचिव की जगह वल्लभ भवन

टेढ़े मुख्यमंत्री की साफगोई: इंदौर का कोई प्रभारी मंत्री नहीं, मुख्य सचिव की जगह वल्लभ भवन
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अनुराग उपाध्याय

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव आदमी थोड़े 'टेढ़े' हैं। इसलिए बहुत सारी बातें वे इशारे इशारे में कह देते हैं और जब कोई इशारा नहीं समझ पाए तो उसे स्पष्ट समझा भी देते हैं। मोहन यादव साफ़ कहते हैं मैं इंदौर का प्रभारी मंत्री नहीं हूँ। इंदौर खाली है। मुख्यमंत्री बड़ी ही साफगोई से यह भी जाता देते हैं कि मुख्यसचिव की जगह वल्लभ भवन में है। यादव की इन बातों के कई मायने निकाले जा सकते हैं। लेकिन अपने दो साल के कार्यकाल में वे बिना लागलपेट अपनी बात कहते नजर आए हैं।

कई मर्तबा मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव अनुराग जैन के संबंधों को लेकर भाति भांति की चर्चा होती है। मुख्यमंत्री के दो साल पूरे होने पर भोपाल में यादव ने अपनी उपलब्धिया गिनवाई। इस दौरान मुख्यसचिव उनके साथ नहीं थे। मुख्यसचिव की जगह एसीएस नीरज मंडलोई उनके साथ नजर आए तो ऐसे में सवाल भी वाजिब था कि मुख्यसचिव अनुराग जैन कहां हैं? इस पर यादव ने स्पष्ट किया थोड़ा मेरे स्वभाव में 'टेढ़ापन' है। मैं कहता हूं कि भाई जरूरी थोड़ी कि मैं जहां बैठूं वहां सीएस बैठे। सीएस वल्लभभवन बैठे हैं। मुझे जहां बैठना मैं बैठा हूं। आप चिंता मत करो आगे देखो।

इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं मुख्यमंत्री

मोहन यादव की बात से साफ कर दिया कि वे अपने हिसाब से अब सभी चीजों को व्यवस्थित कर रहे हैं। उनकी यह बात अफसरशाही के लिए भी साफ सन्देश है। अब कोई इसके कितने भी अर्थ तलाशता रहे। अब तक यह माना जाता रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं। इस मसले पर भी मोहन यादव ने अपने ही अंदाज में बताया कि मैं इंदौर का प्रभारी मंत्री नहीं हूं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री प्रदेश में जिलों के कार्य का विभाजन मंत्रियों के बीच करता है, तो एक जिला खाली रख दिया तो इंदौर खाली है। वहां का प्रभारी मंत्री मैं नहीं हूं। काम का बंटवारा कर दिया। तो उसमें इंदौर छोड़ दिया। आप समझिये मेरे घर में चार कमरे हैं। तीन में मैंने कोई व्यवस्था के आधार पर आय के लिए किराएदार रख दिए। तो चौथा कमरा हमारा हो गया तो मैं किराएदार थोड़ी हो गया वहां पे। थोड़ा खाली रख लिया उसको कोई चिंता मत करो। उन्होंने कहा यह मेरे को मालूम नहीं आप किस संदर्भ में पूछ रहे हैं।

वैसे आपको बता दें, यह माना जाता है कि इंदौर में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सबसे बड़े नेता हैं और उन्हें वहां का प्रभारी मंत्री बनाया जाना था। लेकिन मुख्यमंत्री यादव ने इंदौर को अपने पास रख लिया है। इन बातों और राजनैतिक वीथिकाओं की चर्चाओं पर अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विराम लगा दिया है। वहीं यादव के करीबी बताते हैं कि वे उज्जैन के हैं इंदौर से उनका गहरा जुड़ाव है। इसलिए उनका इंदौर आना जाना लगा रहता है इसका अर्थ यह नहीं कि वे इंदौर के प्रभारी मंत्री हैं।

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