Home > स्वदेश विशेष > चित्र भारती फिल्मोत्सव से एमपी में बनेगा का सिनेमा का माहौल

चित्र भारती फिल्मोत्सव से एमपी में बनेगा का सिनेमा का माहौल

विवेक पाठक

चित्र भारती फिल्मोत्सव से एमपी में बनेगा का सिनेमा का माहौल
X

राष्ट्रीय फिल्म समारोह फिल्मों के लिए बेहतर वातावरण बनाते हैं। इससे सिनेमा के प्रचार प्रसार और संचार के बेहतर अवसर बनते हैं। चित्र भारती ने इसी तरह का अवसर मध्यप्रदेश के भोपाल में आगामी वर्ष में तय किया है। फरवरी 2022 में भोपाल में चित्र भारती का चौथा राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित होगा। इसमें देश भर से फिल्म निर्माण के जरिए सामाजिक संदेश और विचार देने वाले नवोदित फिल्मकार जुटेंगे।

सिनेमा समाज को विचार देता है। यह विचार सकारात्मक और नकारात्मक हो सकता है। जिस तरह का विचार सिनेमा देता है समाज में उसी तरह का विमर्श तैयार होता है। भारतीय चित्र साधना की तारीफ की जानी चाहिए कि फिल्मों में भारतीयता के भाव को स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इस बारे में भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष एवं जाने माने शिक्षाविद प्रो. ब्रजकिशोर कुठियाला कहते हैं कि भारतीय सिनेमा का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। हिन्दी सिनेमा के महान फिल्मकार , कलाकार एवं फिल्म निर्माता दादा साहेब फालके ने जब अपनी पहली फिल्म बनाई तो उसमें भी सत्यता के भारतीय मूल्य का मंचन किया। यह फिल्म महान सत्यवादी राजा हरिशचंद्र के नाम से बनाई गई थी। इस फिल्म के जरिए दादा साहेब फालके ने तत्कालीन समाज के सामने एक आदर्श राजा का जीवन कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया था। यह इस फिल्म की सफलता थी कि पर्दे पर राजा हरिशचंद्र को देखकर लोगों के मन में उनके विचार संस्कार और व्यवहार की चर्चा होने लगी। इस तरह की फिल्में नियमित रुप से बनी हैं मगर बीच के बड़े कालखंड में सिनेमा के सशक्त मंच का दुरुपयोग अधिक किया गया है। अनेक व्यवसायिक फिल्मकारों ने फूहड़ता और भारतीय संस्कृति के प्रति दुर्भावना का प्रदर्शन किया है।

इसी नकारात्मक दृष्टि और विचार के निवारण के लिए भारतीय चित्र साधना निरंतर कार्य कर रही है। प्रो. कुठियाला बताते हैं कि किस तरह भारतीय चित्र साधना ने राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जरिए इस संबंध में उचित वातावरण बनाने का सार्थक प्रयास किया है। यह शुरुआत मध्यप्रदेश के इंदौर से वर्ष 2016 में हुई थी। इसमें अभिनेता राजपाल यादव, मनोज तिवारी, निर्देशक मधुर भंडारकर, केवी विजयेन्द्र प्रसाद जैसी नामी फिल्म हस्तियों में भाग लिया और प्रतिभागियों को सिनेमा सृजन की विद्या से परिचित कराया। सिनेमा में राष्ट्रीयता के लिए इस सफल आयोजन के बाद यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और साल 2018 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ जिसमें लघु फिल्मों की 700 से अधिक प्रविष्टियों का आना एक शानदार उपलब्धि रहा। इस कड़ी में तीसरा चित्र भारतीय फिल्मोत्सव अहदाबाद गुजरात में प्रख्यात निर्देशक सुभाष घई, अब्बास मस्तान और गीतकार प्रसून जोशी के उदबोधनों के बीच यादगार रहा। सिनेमा में भारतीयता की दिशा में यह यात्रा जारी है और चौथा राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2022 इसी का अगला सोपान है। निश्चित ही फरवरी 2022 में होने वाले इस फिल्म समारोह से मध्यप्रदेश में सिनेमा के लिए बेहतर और सार्थक वातावरण बनेगा जिससे सिनेमा के क्षेत्र में अवसरों का व्यापक मंच तैयार होगा।

Updated : 11 April 2021 9:00 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top