स्‍वदेश विशेष: शौर्य, साहस और स्वाभिमान का दूसरा नाम है छत्रपति शिवाजी महाराज…

शौर्य, साहस और स्वाभिमान का दूसरा नाम है छत्रपति शिवाजी महाराज…
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छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के महान और अद्वितीय योद्धा, कुशल रणनीतिकार और दूरदर्शी शासक थे या यह कहा जा सकता है कि अद्भुत शौर्य,अदम्य साहस और स्वाभिमान का दूसरा नाम है छत्रपति शिवाजी महाराज।उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले एक मराठा सरदार थे और माता जीजाबाई धार्मिक और वीरांगना महिला थीं। शिवाजी के व्यक्तित्व और विचारों को आकार देने में उनकी माता का विशेष योगदान रहा।

शिवाजी का बचपन साहस और कर्तव्यपरायणता की कहानियों के बीच बीता। जीजाबाई ने उन्हें रामायण, महाभारत और अन्य पौराणिक कथाओं से प्रेरणा देने वाली कहानियां सुनाईं, जिससे उनमें धर्म, न्याय और स्वाभिमान का भाव विकसित हुआ। उनका पालन-पोषण मराठा संस्कृति और सैन्य शिक्षा के साथ हुआ। उनकी पहली सैन्य शिक्षा दादा जी कोंडदेव के मार्गदर्शन में हुई।

स्वराज्य स्थापना का सपना- शिवाजी का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र और स्वायत्त शासन की स्थापना करना था। उन्होंने "हिंदवी स्वराज्य" की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए कड़ी मेहनत की। मात्र 16 वर्ष की आयु में उन्होंने तोरणा किले पर कब्जा कर अपने स्वराज्य की नींव रखी। इसके बाद कोंढाना, पुरंदर, राजगढ़ और अन्य किलों पर अधिकार कर उन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया।

सैन्य उपलब्धिया-शिवाजी महाराज ने गुरिल्ला युद्ध की रणनीति को अपनाया, जिसे 'गणिमी कावा' कहा जाता है। उनके इस अनोखे युद्ध कौशल ने मुगलों, आदिलशाही, और निजामशाही जैसे शक्तिशाली साम्राज्यों को कई बार पराजित किया। 1664 में उन्होंने सूरत पर हमला कर वहां की संपत्ति का उपयोग अपनी सेना को मजबूत करने के लिए किया। 1670 में सिंहगढ़ का वीरता से कब्जा करने का उनका अभियान इतिहास में अमर है।

औरंगज़ेब के साथ संघर्ष-मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने शिवाजी को हराने के लिए कई प्रयास किए। 1666 में शिवाजी को आगरा दरबार में बुलाया गया, जहां उन्हें कैद कर लिया गया। लेकिन अपनी बुद्धिमत्ता और साहस के बल पर शिवाजी वहां से भागने में सफल रहे। इसके बाद उन्होंने मराठा साम्राज्य को और अधिक संगठित और शक्तिशाली बनाया।

छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक-1674 में रायगढ़ किले पर शिवाजी का छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक हुआ। इस अवसर ने मराठा साम्राज्य को औपचारिक पहचान दी। उन्होंने अपने प्रशासन को न्यायप्रिय और अनुशासित बनाया। कृषि, व्यापार, और राजस्व व्यवस्था में सुधार कर उन्होंने अपने प्रजा का जीवन स्तर ऊंचा किया।

शिवाजी महाराज न केवल हिंदुओं के लिए, बल्कि सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण रखने वाले शासक थे। उन्होंने महिलाओं के प्रति सम्मान का आदर्श स्थापित किया।

3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले में शिवाजी महाराज का देहांत हो गया। उनकी मृत्यु ने मराठा साम्राज्य को गहरा आघात पहुंचाया, लेकिन उनकी प्रेरणा से मराठा साम्राज्य आने वाले समय में और अधिक शक्तिशाली बना।

महाकवि भूषण, जो हिंदी और संस्कृत के महान कवि थे, ने छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, नीति, और शासन कला का अद्भुत वर्णन किया है। उन्होंने शिवाजी को भारत के महानायक और धर्मरक्षक के रूप में चित्रित किया।

भूषण ने शिवाजी के गुणों की प्रशंसा करते हुए कहा है:"शिवाजी से अच्छा कोई राजा नहीं, उनके जैसा वीर धरती पर नहीं हुआ।भूषण कवि उन पर गर्व करते हैं, जिनका नाम सुनकर दुश्मनों का रक्त जम जाता है।"

भूषण ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ "शिवराज भूषण" में शिवाजी की बहादुरी, कूटनीति और हिंदवी स्वराज्य की स्थापना का वर्णन किया है।

उन्होंने लिखा:

"भूषण व्यास कहत छत्रपति शिवराज।

भूपति भूधर गनत जिनहि सरत समाज।"

इसका अर्थ है कि शिवाजी महाराज ऐसे महान शासक हैं जिनकी शक्ति और प्रभाव के आगे अन्य राजा झुकते हैं।

भूषण ने शिवाजी को धर्मरक्षक और मुगलों के अत्याचारों का विनाशक बताया। उन्होंने शिवाजी की तुलना भगवान राम और अर्जुन जैसे महापुरुषों से की। उनके काव्य में शिवाजी को "म्लेच्छों का नाश करने वाला" और "हिंदू धर्म का उद्धारक" कहा गया है।

"जब कर्ण सम कोप करि कृपा सिंधु शिवराज।

भूषण बाँध्यो वसुधा विजय दंड पर ताज।"

इससे स्पष्ट होता है कि भूषण ने शिवाजी को एक ऐसे शासक के रूप में देखा, जो केवल युद्ध में ही नहीं, बल्कि न्याय और धर्म के क्षेत्र में भी अद्वितीय थे।

छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन साहस, निष्ठा, और स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने न केवल एक साम्राज्य की स्थापना की, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी छोड़ गए। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर असंभव को संभव बनाया जा सकता है। शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास में सदैव अमर रहेंगे।

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