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'पप्पू' तो पप्पू ही है...

दिनेश राव

पप्पू तो पप्पू ही है...
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विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरना तय तो था ही लेकिन इस बहाने संसद में आज जो कुछ भी देखने व सुनने को मिला, उससे देशवासी शर्मसार तो है ही साथ ही हतप्रभ भी। देशवासियों ने इस अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वह देखा व सुना जिसे अभी तक वह फिल्मी पर्दो या सड़क पर ही देखा व सुना करते थे। चाहे वह संसद में काग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आंख मारने का प्रसंग हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के वक्त विपक्ष का शोरशराबा व नारेबाजी कर उन्हें बोलने से रोकने का प्रसंग हो। कांग्रेस अध्यक्ष संसद में जब अपना भाषण दे रहे थे तब पूरा देश उन्हें ध्यान से देख रहा था और सुन भी रहा था। विपक्ष का नेता होने के कारण उन्होंने जो कहा वह अपनी पार्टी लाइन पर ही कहा लेकिन अपना भाषण देते देते वे कई जगह हंसी के पात्र बन गए और अपने भाषणों व हरकतों से उन्होंने इस बात को खुद ही साबित कर दिया कि देश उन्हें पप्पू क्यों कहता है? राफेल सौदे पर जिस तरह से वह झूठ को सच साबित करने में लगे हुए थे, उसकी पोल तो रक्षा मंत्री सीतारमण ने खोल दी। इससे बड़ी शर्मनाक स्थिति तब खड़ी हो गई जब उनके इस झूठ बोलने के बयान पर फ्रांस की सरकार को बयान जारी करना पड़ा। फ्रांस ने उनके इस झूठ को सिरे से खारिज कर दिया। फ्रांस सरकार की ओर से कहा गया है कि दोनों देशों में सूचना गोपनीय रखने का करार है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी राफेल सौदे को लेकर पहले भी इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि रक्षा संबंधी मामलों को देशहित में उजागर नहीं किया जा सकता है, बावजूद इसके एक बार फिर से संसद में इस बात को उठाकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि देश उन्हें पप्पू क्यों कहता है? यह बात किसी से छिपी नहीं है कि सोशल मीडिया राहुल गांधी को पप्पू बोल कर उनका मजाक उड़ाता है। सदन के भीतर इस बात का जिक्र कर उन्होंने अपने ऊपर बन रहे मजाक को ही अमली जामा पहना दिया। क्या इसे संसद पर लाना राहुल गांधी की बहादुरी मानी जा सकती है? शायद नहीं लेकिन पूरी बहस के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमला बोलते-बोलते वे अपने ही भाषण की हवा निकालते देखे गए।

अपना भाषण समाप्त करने के बाद राहुल गांधी ने ऐसी हरकत की जिसे देश कभी न तो भूल सकता है और न ही माफ कर सकता है। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि नरेंद्र मोदी संसद में प्रधानमंत्री की हैसियत से बैठे हुए थे। प्रधानमंत्री पद की अपनी गरिमा होती है लेकिन जिस तरह से वे उठकर उनको गले लगाने के लिए गए और जिस अंदाज में उन्हें उठाने का प्रयास किया उसकी निंदा लोकसभा अध्यक्ष ने तो की है, साथ ही देश ने भी की। उनकी इसी हरकत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश उन्हें पप्पू क्यों कहता है। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन जैसे ही वे अपनी सीट पर बैठे उस समय उन्होंने आंख चमका कर जो हरकत की उससे तो यह जाहिर ही हो गया कि सोशल मीडिया पर पप्पू कहकर उनका जो मजाक उड़ाया जाता है, वह गलत नहीं है। संसद में आंख मारने की हरकत एक पप्पू ही कर सकता है न कि एक सुलझा हुआ राजनेता। राहुल को सोचना होगा देश बराबरी और मजबूती के साथ काम करने वाले नेतृत्व को स्वीकार करता है, बचकानी हरकत कर अपरिपक्वता दिखाने वाले को नहीं।

Updated : 21 July 2018 11:05 AM GMT
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दिनेश राव

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