UP News: बस्ती SE के व्यवहार से योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री नाराज, अपने ही विभाग के अधिकारी को किया निलंबित

बस्ती SE के व्यवहार से योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री नाराज
उत्तरप्रदेश। बस्ती जिले में बिजली कटौती से परेशान रिटायर अफसर ने मौजूदा बिजली अफसर को कॉल किया। अफसर ने पर्सनल मोबाइल पर कॉल करने की जगह 1912 पर शिकायत नोट कराने को कहा। जब रिटायर अफसर ने अधिकारी से सवाल किए तो अधिकारी उनसे बदतमीजी करने लगा। बिजली विभाग के अधिकारी ने शिकायतकर्ता रिटायर अफसर की परेशानी सुलझाने की जगह उन्हें अपने राजनीतिक कनेक्शन गिना दिए। गौरतलब है कि, इस मामले का वीडियो खुद सोशल मीडिया पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शेयर किया और नाराजगी जताई।
बिजली अफसर ने शिकायतकर्ता को बताया कि, वह मौजूदा केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, राजबब्बर, राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन जैसे नेताओं का नजदीकी है। बिजली अफसर प्रशांत सिंह के इस व्यवहार का ऑडियो खुद यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा ने जारी किया है।
बिजली उपभोक्ता की शिकायत के प्रति असंवेदनशीलता एवं अमर्यादित व्यवहार की घटना पर बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है l मंत्री द्वारा अन्य समस्त विद्युत अधिकारियों एवं कर्मियों को उपभोक्ता समस्याओं के प्रभावी एवं त्वरित समाधान हेतु पुनः निर्देशित किया गया है। सभी लोग जनसेवा में तत्पर रहें।
मंत्री एके शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा - 'कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अभी-अभी अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई बातचीत का ऑडियों निम्नांकित लिखकर मुझे कार्यवाही करने के लिए भेजा है। यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य अधिकारियों को कहा था।'
'कड़े शब्दों में यह भी कहा था कि 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकती है; विकल्प नहीं। मैंने कहा था कि ऐसे कई ग़लत, असामयिक और अव्यवहारिक निर्देशों के कारण जनता को परेशानी हो रही है। अधिकारी फ़ोन उठाना बिल्कुल ही बंद कर दिए हैं। तितलौकी थी ही, अब नीम पर चढ़ गई। और अनेक ऐसे गलत निर्णय हमारे बार-बार लिखित/ मौखिक रूप से मना करने के बावजूद हुए हैं।'
'सबने मीटिंग में मुझसे असत्य बोला कि 1912 पर ही शिकायत करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है। मुझे उनकी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। मैंने कई बार पूछा। हर बार वही असत्य सुनने को मिला। बिजली के अधिकारियों, कर्मचारियों को एक बार पुनः कह रहा हूं कि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। उनसे त्वरित और उचित भाषा में संवाद करें और समस्या का निराकरण करें। अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।'
