छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश का दबदबा

जल संरक्षण और जल संचयन में मुख्यमंत्री की नीति रंग लाई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदान किया पुरस्कार
पहला स्थान मीरजापुर, दूसरा वाराणसी और तीसरा जालौन को
जल संचयन जनभागीदारी श्रेणी में गोरखपुर नगर निगम को तीसरा पुरस्कार
उत्तर प्रदेश ने जल संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जिसे अब राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिल गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार (2024) समारोह में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों का सम्मान किया। उत्तरी क्षेत्र में, पहला स्थान मीरजापुर को, दूसरा वाराणसी को और तीसरा स्थान जालौन को मिला।
इस अवसर पर वाराणसी ने उत्तरी क्षेत्र में 'सर्वश्रेष्ठ जिला' के रूप में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मीरजापुर के जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार, पूर्व जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन (वर्तमान डीएम गोंडा) एवं मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने प्रथम पुरस्कार ग्रहण किया। वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार एवं नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने दूसरा, जबकि जालौन के जिलाधिकारी राकेश पांडेय ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया।
इस उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले जनपद को 2 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। वहीं, जल संचयन जनभागीदारी श्रेणी में देश के टॉप 10 नगर निगमों में गोरखपुर को तीसरा पुरस्कार मिला। विभिन्न जिलों को मिला यह राष्ट्रीय सम्मान यह स्पष्ट करता है कि योगी सरकार की दूरदर्शी नीतियां और स्थानीय प्रशासन की कुशल पहलें जल संरक्षण व सतत विकास के क्षेत्र में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए छोटी नदियों के संरक्षण के प्रयास
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मीरजापुर में 'जल जीवन मिशन' और 'अटल भू-जल' जैसे कार्यक्रमों के तहत जल संरक्षण के कार्य किए गए। इसमें तालाबों का गहरीकरण, सोकपिट, बंधी निर्माण, समतलीकरण, वन क्षेत्र में ट्रेंच, कर्णावती एवं लोहंदी नदी सहित छोटी नदियों का सुंदरीकरण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण शामिल है। विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचयन जनभागीदारी पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार भी उपस्थित रहे।
जल संचयन व नदी कायाकल्प में योगी सरकार की नीतियों का प्रभाव
यह पुरस्कार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सशक्त और प्रभावी जल नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिन्होंने जिले में जल संरक्षण और जल उपयोग की श्रेष्ठ प्रथाओं को बढ़ावा दिया। इसी श्रेणी में मीरजापुर को प्रथम स्थान और जालौन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। यह सम्मान न केवल जल संरक्षण की दिशा में प्रदेश के विभिन्न जिलों की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है, बल्कि प्रदेश समेत देश के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का माध्यम बन रहा है।
वाराणसी का सराहनीय प्रदर्शन
वाराणसी में जल संरक्षण के क्षेत्र में प्रमुख पहलें विशेष रूप से सराहनीय रही हैं। जिले में 25,000 से अधिक जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इसके साथ ही नदी कायाकल्प परियोजनाओं और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में जन-जागरूकता बढ़ाई गई। इन पहलों ने जिले को उत्तर भारत में जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया।
