विश्वविद्यालय पंडित दीनदयाल पर आधारित विषयक कोर्स करेगा संचालित: कुलपति
कुलपति ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय है । यह अपने संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आधारित "फिलॉसफी एंड विजन ऑफ पंडित दीनदयाल उपाध्याय" विषयक कोर्स का संचालन करगी।
X
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में विद्या परिषद की बैठक का आयोजन संवाद भवन में किया गया। बैठक के दौरान पूर्व निर्धारित दस बिंदुओं पर कुलपति प्रो राजेश सिंह की अध्यक्षता में सदस्यों ने व्यापक विमर्श किया। तत्पश्चात इन बिंदुओं पर विद्या परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। अब यह प्रस्ताव शुक्रवार को आयोजित होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखे जाएंगे।
कुलपति ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय है । यह अपने संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आधारित "फिलॉसफी एंड विजन ऑफ पंडित दीनदयाल उपाध्याय" विषयक कोर्स का संचालन करगी। तीन क्रेडिट के कोर्स को विद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है।यह स्नातक और परास्नातक या दोनों के लिए होगा। इसका फैसला संबंधित विभाग को करना होगा। कोर्स का मॉडल ऐसा तैयार किया गया है कि दूसरे विश्वविद्यालय में पढने वाले विद्यार्थियों को भी आकर्षित करेगा।
कुलपति ने कहा कि इसके साथ ही विश्वविद्यालय में बीएससी (एजी) और एमएससी (एजी) की पढ़ाई भी होगी । इसके लिए कोर्स का प्रारूप आईसीआर के मार्गदर्शन में गठित समिति की ओर से तैयार कराया गया है। इनका संचालन सेल्फ फाइनेंस मोड में होगा।
बैठक के दौरान गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को बढावा देने के लिए सीबीसीएस प्रणाली पर आधारित प्री पीएचडी के कोर्स का खाका भी विभिन्न संकायाध्यक्षों की ओर से प्रस्तुत किया गया। जिसे विचारोपरांत कार्यपरिषद में भेजा गया। विश्वविद्यालय के प्रस्तावित दीक्षांत समारोह के दौरान दिए जाने वाले पदकों और उपाधि को भी विद्या परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान की। समारोह के दौरान 52 मेधावियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और 78 स्मृति पदक प्रदान किया जाएगा। इनमें 38 छात्राएं और 13 छात्र हैं। इसके साथ ही साथ 155 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ स्वर्ण पदक प्रदान करने के लिए गठित समितियों की संस्तुति पर भी मुहर लगी है।
वूमेन स्टडी सेंटर को मिली मंजूरी
विद्या परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय में प्रस्तावित वूमेन स्टडी सेंटर के प्रस्ताव को भी विद्या परिषद से मंजूरी मिली है। इसे शासन के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। साथ ही चुनौती मूल्यांकन, यूजीसी स्वयं प्लेटफार्म और एक वर्षीय अंडर स्टैंडिंग हैरिटेज डिप्लोमा पाठ्यक्रम को भी लागू करने पर मंथन हुआ।
प्राइवेट विद्यार्थियों का प्रवेश नहीं होगा बंद
बैठक में राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय की ओर से राजभवन को लिखे गए पत्र पर भी विचार विमर्श हुआ। पत्र के मुताबिक प्राइवेट विद्यार्थियों के प्रवेश को विश्वविद्यालयों में प्रतिबंधित किए जाने की मांग की गई थी। जिसपर सदस्यों ने ध्वनि मत असहमति जताई है।
नाथ पंथ के सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्स पर भी सहमति
बैठक के दौरान भूगोल, हिंदी और दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से नाथ पंथ पर तैयार किए गए सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्स को भी विद्या परिषद ने अपनी मंजूरी दी है।
Swadesh Lucknow
Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you