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आतंक का पनाहगाह रहा है बहराइच, कई नामचीन आतंकियों से है जुड़ाव

लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के आतंकवादियों के बाद बहराइच समेत पूरा देवीपाटन मंडल हाई अलर्ट पर है।

आतंक का पनाहगाह रहा है बहराइच, कई नामचीन आतंकियों से है जुड़ाव
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अतुल अवस्थी/देवीपाटन। वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव और ब्रह्मा की धरती बहराइच ऐतिहासिक और धार्मिक संदेश देती है, लेकिन दुरूह भौगोलिक परिस्थितियों के चलते बहराइच अरसे से आतंकवादियों को रास आता रहा है। दिल्ली कारागार में निरुद्ध लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी कमांडर इरफान का मकान बहराइच में है। वही इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अफजल उस्मानी ने डेढ़ माह तक फखरपुर में कपड़े का कारोबार किया है। इतना ही नहीं डॉन दाऊद इब्राहिम के खानसामा की हवेली रिसिया में है। वही आईएसआई के एजेंट मसरूर उर्फ रमेश चौधरी को सुरक्षाबलों ने भारतीय सीमा क्षेत्र से ही दबोचा था। वह इस समय उम्र कैद की सजा काट रहा है। लेकिन पाकिस्तान के साथ चीनी भी रेकी करने में पीछे नहीं है। संदिग्ध चीनियों ने 4 साल पूर्व एसएसबी कैंप रुपईडीहा की रेकी की थी। उन्हें जेल भेजा गया। इसके अलावा जेकेएलएफ समेत अन्य आतंकी संगठनों के लोग भी समय-समय पर सीमा पर पकड़े गए। उनके खिलाफ कार्यवाही हुई।

लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के आतंकवादियों के बाद बहराइच समेत पूरा देवीपाटन मंडल हाई अलर्ट पर है। वैसे बहराइच की धरती अध्यात्म की धरती मानी जाती है।भारत के बहराइच जिले से नेपाल राष्ट्र की सीमा 100 किलोमीटर को छूती है। लेकिन भौगोलिक परिस्थितियां काफी दुरूह है। नदी नाले और जंगल होने के चलते नेपाल राष्ट्र से सटी बहराइच की सीमा देश विरोधी तत्वों को अरसे से रास आती रही है। लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के आतंकवादी तो बानगी भर हैं। बात करें भारत नेपाल सीमा पर स्थित देवीपाटन मंडल के बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और गोंडा की, तो तराई के जिले देश विरोधी तत्वों की पनाहगाह बन कर रह गए हैं। इसे नेपाल के खुली सीमा की छाया कहें या भौगोलिक परिस्थितियां, लेकिन देश विरोधी तत्व आसानी से देवीपाटन मंडल के इन 4 जिलों में पनाह पाने में कामयाब हो जाते हैं। इसके चलते पिछड़े जिलों में शुमार देवीपाटन मंडल के चार जिलों के हर शख्स पर उंगलियां उठती है।

दिल्ली के तिहाड़ में बंद है लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी कमान्डर इरफान

बहराइच शहर के मोहल्ला नाजिरपुरा बागवानी का रहने वाला इरफान तब सुर्खियों में आया जब वर्ष 1993 में कानपुर में राजधानी एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ। पुलिस ने इरफान को आरोपी बनाया। उसे आजीवन कारावास की सजा हुई। वर्ष 2001 में वह पैरोल पर छूटा और फरार हो गया। परिवार में इरफान सबसे बड़ा है। पड़ोसियों के मुताबिक छोटा भाई रिजवान अहमद, बहन चांदबीबी उर्फ मुन्नी, मुल्ला, तसलीमी, नसीम हैं। एक का विवाह बलरामपुर व तीन का बहराइच में हुआ है। आर्थिक विपन्नता से जूझ रहे परिवारीजन इरफान को लेकर कभी चर्चा नहीं करना चाहते। फूलों का कारोबार कर घर-घर महक पहुंचाने वाले परिवार का इरफान कब दहशतगर्दी का मुखिया बन गया पता हीं नहीं चला।ऐसे हालात के लिए परिवार के लोग उसे ही दोषी ठहरा रहे हैं। परिवार का पैतृक फूल का कारोबार मंद पड़ गया है। उसके पिता फारूक व मां की पहले ही मौत हो चुकी है।वर्ष 2015 में लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद डिप्टी कमांडर इरफान दिल्ली के तिहाड़ में बंद है।

बहराइच में डेढ़ माह तक कपड़ा कारोबारी बनकर टहला था अफजल

मुंबई सेशन कोर्ट में पेशी के दौरान फरार इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अफजल उस्मानी को 27 अक्टूबर 2013 दिन रविवार क़ी रात बहराइच जिले के रुपईडीहा रेलवे स्टेशन से मुंबई एटीएस की टीम ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया था। वर्ष 2008 में अहमदाबाद विस्फोट में अफजल ने प्रमुख भूमिका निभाई थी और इसमें 56 लोग मारे गए थे। मुंबई के तिहरे विस्फोट में भी उसकी अहम भूमिका थी।अफजल मुंबई कोर्ट से फरार होने के बाद डेढ़ माह तक बहराइच में अपने रिश्तेदार के सहयोग से कपड़ा कारोबारी बना रहा। जब वह नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था तभी उसे रुपईडीहा रेलवे स्टेशन के पास दबोचा गया।

आईएसआई एजेंट ने भी ली थी पनाह

पाकिस्तान की कराची निवासी आई एसआई एजेंट मसरूर उर्फ रमेश चौधरी ने भी बहराइच में शरण ली थी। पाक जासूस मशरूर की गिरफ्तारी 12 अगस्त 2008 को रुपईडीहा रेलवे स्टेशन के निकट से एटीएस ने की थी।वह पाकिस्तान की कराची का मूल निवासी था। 3 साल पहले न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद मसरूर को लखनऊ कारागार भेज दिया गया था।

दाऊद के खानसामा का मकान रिसिया में अंडरवर्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खानसामा जिब्राइल का मकान रिसिया के पटपड़गंज इलाके में है। इसका खुलासा आधे दशक पूर्व सुरक्षा एजेंसियों ने तब किया था, जब जिब्राइल अपने घर की स्थिति देखने के लिए छद्म वेश से बहराइच आया था। हालांकि सुरक्षा बलों की घेराबंदी के पहले ही वह नेपाल के रास्ते खाड़ी देश चला गया था।


इन देश विरोधी तत्वों ने भी लगाई सेंध

नकली नोटों के किग माजिद मनिहार के बेटे विक्की मनिहार की गिरफ्तारी रुपईडीहा बार्डर से ही हुई थी। ये लोग यहां से पाक को सूचनाएं दे रहे थे। हिजबुल व जेकेएलएफ के सक्रिय सदस्य तीन वर्ष पूर्व इंडो नेपाल सीमा पर बहराइच में पकड़े गए थे। इसके अलावा चीन से आए जासूसों ने एसएसबी कैंप रुपईडीहा की रेकी करने की कोशिश की। इनमें एक महिला भी शामिल थी। उन सभी को गिरफ्तार कर न्यायालय में मुकदमा चला। वर्ष भरपूर्व बलरामपुर से आईएसआईएस का अबू युसूफ भी गिरफ्तार हुआ था।

सीमा पर ऐसे पनपे आतंकी

सुरक्षा एजेंसियों की माने तो नेपाल में आईएसआई ने काफी जाल बिछा रखा है। आईएसआई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने ही भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित करने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन समेत कई अन्य आतंकी संगठनों का गठन कराया था। इसका गठन नेपाल में स्थित हिमालयन होटल में किया गया था। इसका खुलासा वर्ष 2013 में बॉर्डर पर पकड़ा गया आईएम का आतंकी यासीन भटकल कर चुका है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद आईएम को पूरा सहयोग भारत में आतंक फैलाने और गतिविधियां संचालित करने में करता है।

सीमा पर है अलर्ट की जा रही निगरानी

देवीपाटन मंडल के डीआईजी राकेश सिंह लखनऊ में आतंकी की गिरफ्तारी के बाद देवीपाटन मंडल के सभी 4 जनपदों बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। नेपाल सीमा से सटे जिले पहले से ही संवेदनशील है। ऐसे में सीमावर्ती थानों के थानाध्यक्षों को भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। निरंतर चेकिंग की जा रही है।

सीमा पर मुस्तैद है खुफिया एजेंसियां

बहराइच एलआईयू के इन्स्पेक्टर सुमित दुबे बहराइच जिला पहले से ही संवेदनशील है। बलरामपुर की घटना के बाद जिले में सभी खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। नजर रखी जा रही है। लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी कमांडर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। फिर भी सुरक्षा एजेंसियां अपने हिसाब से संदिग्धों पर नजर रख रही है।

Updated : 13 July 2021 4:16 PM GMT
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Swadesh Lucknow

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