मदरसे में प्रवेश के लिए रखी बेटी के ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ की अजीब शर्त

मदरसे में प्रवेश के लिए रखी बेटी के ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ की अजीब शर्त
X
मुरादाबाद के मदरसे ने 13 साल की बेटी का दाखिला वर्जिनिटी टेस्ट के बिना मना किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मदरसे पर अजीब और विवादास्पद आरोप सामने आया है। चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद यूसुफ ने पुलिस को शिकायत दी है कि उनकी 13 वर्षीय बेटी का दाखिला लेने के लिए मदरसे ने ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ की शर्त रखी। जानकारी के अनुसार, यूसुफ की बेटी वर्तमान में जामिया अहसनुल बनात गर्ल्स कॉलेज (मदरसा) में 7वीं कक्षा की छात्रा थी। जब उन्होंने अपनी बेटी को 8वीं कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए आवेदन किया, तो मदरसा प्रबंधन ने उनका सामना ऐसी अजीब मांग से कराया।

यूसुफ ने बताया कि मदरसे के अधिकारियों ने फोन पर उनके परिवार पर गलत व्यवहार के आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी का मेडिकल टेस्ट कराना अनिवार्य है। उन्होंने इसे न केवल झूठा, बल्कि अपमानजनक बताया। यूसुफ का कहना है कि यह मांग उनकी बेटी के मानसिक और शारीरिक अधिकारों का उल्लंघन है।

चरित्र हनन का आरोप, पुलिस में दी शिकायत

जब यूसुफ ने इस शर्त का विरोध किया, तो मदरसे के कर्मचारियों ने उन्हें टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) देने की धमकी दी और अभद्र व्यवहार किया। परिवार ने पुलिस को उस फॉर्म की भी प्रति सौंप दी है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि “मेडिकल टेस्ट जरूरी है”।

गंभीरता से की जा रही जांच है एसपी

पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, सभी संबंधित दस्तावेज और साक्ष्यों को इकठ्ठा किया जा रहा है और मदरसा प्रबंधन से पूछताछ की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की शर्तें बालिकाओं के अधिकारों का सीधा उल्लंघन हैं और कानून के तहत यह शैक्षिक संस्थान की जिम्मेदारी के खिलाफ है। बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार संविधान द्वारा सुरक्षित हैं।

Next Story