मंत्री एके शर्मा को बांके बिहारी के दर्शन करने से रोका: महिलाओं ने की नारेबाजी, पुजारियों ने मूर्ति पर डाला पर्दा

महिलाओं ने की नारेबाजी, पुजारियों ने मूर्ति पर डाला पर्दा
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Minister AK Sharma opposed at Banke Bihari Temple : मथुरा। वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में 19 जुलाई को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा और नगर विकास मंत्री एके शर्मा को तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे एके शर्मा के खिलाफ गोस्वामी समाज की महिलाओं और पुरुषों ने नारेबाजी की, जिसके चलते मंदिर परिसर में तनाव का माहौल बन गया। इतना ही नहीं मंदिर के पुजारियों ने बांके बिहारी की मूर्ति के सामने पर्दा डाल दिया, जिससे मंत्री को दर्शन करने से रोक दिया गया। उन्हें पारंपरिक पटका और प्रसाद भी नहीं दिया गया।

ये है पूरा मामला

शनिवार को एके शर्मा जब बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे, तब गोस्वामी समाज के लोग और महिलाएं मंदिर परिसर में एकत्र हो गए। जैसे ही मंत्री गर्भगृह के पास पहुंचे, प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। मंदिर के सेवायतों (पुजारियों) ने तत्काल पर्दा डालकर दर्शन को रोक दिया। गेट नंबर 4 से जब मंत्री मंदिर से बाहर जाने लगे तो दर्जनों महिलाओं ने मंत्री का रास्ता रोक लिया। पुलिस और प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी ताकि मंत्री और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

यह विरोध बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और इसके लिए गठित ट्रस्ट के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हिस्सा है। पिछले दो महीनों से गोस्वामी समाज, स्थानीय व्यापारी, और निवासी इस कॉरिडोर के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह परियोजना वृंदावन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को नुकसान पहुंचाएगी।

इसके अलावा, कॉरिडोर के लिए 5 एकड़ जमीन अधिग्रहण की योजना है, जिससे लगभग 275 परिवार और 200 दुकानदारों के विस्थापन का डर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परियोजना उनकी आजीविका और मंदिर से उनके भावनात्मक और धार्मिक जुड़ाव को खतरे में डाल रही है।

बांके बिहारी कॉरिडोर विवाद

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद शुरू किया था। इस 500 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्देश्य मंदिर में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। सरकार का दावा है कि यह कॉरिडोर मंदिर में दर्शन को आसान बनाएगा और पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

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