अधिकार की लड़ाई: बड़ी महिला अधिकारी के सफाईकर्मी पति ने खटखटाया अदालत का दरवाजा, बोला - मेरी पत्नी से गुजारा भत्ता दिलवा दीजिए जज साहब

UP High Court
उत्तरप्रदेश। आमतौर पर तलाक के बाद पति से पत्नी गुजारा भत्ता मांगती है लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है। अब पति भी अपने अधिकारों को लेकर सजग हो गए हैं। मामला जुड़ा है एक बड़ी महिला अधिकारी ज्योति मौर्या से। उनके पति ने अब न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पेशे से सफाईकर्मी ज्योति मौर्या के पति ने गुजारा भत्ता की मांग की है।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या से गुजारा भत्ता दिलाने की मांग को लेकर प्रतापगढ़ में सफाईकर्मी के पद पर तैनात पति आलोक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा व न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने उनकी अपील पर ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी।
आजमगढ़ निवासी आलोक ने गुजारा भत्ता की मांग को लेकर पारिवारिक अदालत में अर्जी दाखिल की थी। वहां से अर्जी खारिज होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। याची की दलील है कि उसकी पत्नी अफसर है। उनकी आमदनी बेहद कम है। वैवाहिक विवादों के लंबित रहने के दौरान उसे अफसर पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाया जाए। कोर्ट ने पाया कि अपील निर्धारित समय से 77 दिन की देरी से पारिवारिक अदालत की डिक्री की प्रमाणित प्रतिलिपि के बिना दाखिल की गई है। हालांकि, याची ने देरी माफी और प्रतिलिपि दाखिले की छूट प्रदान करने की अर्जी भी अपील संग प्रस्तुत की है।
ज्योति मौर्या का मामला उस समय चर्चा में आया जब उनके पति ने मीडिया के सामने आकर उनपर गंभीर आरोप लगाए। उनके पति का कहना था कि, उन्होंने मेहनत करके अपनी पत्नी को पढ़ाया लेकिन जब वे अफसर बन गई तो उनकी पत्नी ने उनका साथ जोड़ दिया। ज्योति मौर्या का संबंध एक पुलिस अधिकारी से होने की बात भी सामने आई थी। इसके बाद देश भर में ज्योति मौर्या केस (Jyoti Maurya case) काफी वायरल हुआ।
