'मुझसे वसूली करना चाहते थे डीएम, मीटिंग में देते थे गालियां': सस्पेंड किए गए कानपुर सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी ने दिखाए तेवर…

कानपुर। डीएम जितेंद्र सिंह मुझसे कहते थे, सिस्टम में आओ... कुछ इधर-उधर किया करो। हर मीटिंग में डांटते-फटकारते थे। एक फर्म है, जेएमडी फार्मा। इस फर्म के 30 लाख रुपये की पेमेंट का डीएम ने मुझ पर दबाव बनाया था। जूनियर्स के सामने मुझे जातिसूचक शब्द कहे। मंदबुद्धि कहते थे।
जान-बूझकर मेरे विभाग का निरीक्षण कर कमियां निकालीं। उर्सला और कांशीराम कॉलोनी में निरीक्षण को लेकर मुझे ही दोषी माना जबकि उसमें मेरी कोई गलती नहीं थी। उर्सला के लिए निदेशक और कांशीराम कॉलोनी के लिए सीएमएस जिम्मेदार थे। यह बात गुरुवार को कानपुर के पूर्व सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी ने डीएम पर लगाए।
सस्पेंड होने के बाद डॉ.हरिदत्त नेमी ने गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, कुछ दिनों पहले ही मैंने सीएम योगी को अपनी ओर से पत्र भेज दिया था। इसमें पूरे मामले का जिक्र था। अब सीएम से फिर अपनी गुहार लगाएंगे। डॉ. हरिदत्त नेमी ने कहा कि मैंने कानपुर में 16 दिसंबर 2024 को ज्वाइन किया था। उसके अगले दिन से ही जेएमडी फार्मा फर्म का पूरा मामला मेरे सामने प्रस्तुत कर दिया गया।
इस फर्म से विभाग का सामान आया था। कुल एक करोड़ 60 लाख 47 हजार रुपये की पेमेंट होनी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद जांच की तो सामने आया कि फर्म की ओर से 30 लाख रुपये का सामान भेजा ही नहीं गया था। इसके बाद टीम गठित कर जांच कराई तो सामने आया फर्म के प्रोपराइटर राजेश शुक्ला जेल जा चुके हैं। फर्म की सीबीआई से जांच हो चुकी है।
डॉ.हरिदत्त नेमी ने कहा कि इसके बावजूद डीएम ने लगातार 30 लाख रुपये की पेमेंट का दबाव बनाया। अकाउंट सेक्शन का काम देख रहीं पीसीएस स्तर की अफसर वंदना सिंह की चिट्ठियां मिलीं। मैंने डीएम को बताया, फिर भी कुछ नहीं हुआ। जब इस मामले में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी सुबोध प्रकाश यादव का तबादला कर दिया तो डीएम मुझ पर भड़क गए थे।
डीएम कानपुर जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि शासन के निर्णय के बाद निलंबित अधिकारी द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी करना गलत है। अधिकारियों पर असत्य और नितांत निराधार आरोप लगाना घोर अनुशासनहीनता है। समस्त तथ्यों से सक्षम स्तर को अवगत कराते हुए आवश्यक वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बता दें कि डीएम जितेंद्र सिंह ने सीएमओ डॉ.नेमी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कुछ दिनों पहले लेटर लिखा था। इसके बाद से डीएम और सीएमओ के बीच का विवाद सामने आ गया था। इतना ही नहीं पूर्व सीएमओ के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, भाजपा के विधायक और एमएलसी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा था और ट्रांसफर न करने की मांग की थी।
