मुस्लिम वोटबैंक के कारण विदेशी आक्रांताओं पर खामोश रही कांग्रेस-सपा: 'महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव' से मुख्यमंत्री योगी का छद्म पंथनिरपेक्षता पर हमला…

महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव से मुख्यमंत्री योगी का छद्म पंथनिरपेक्षता पर हमला…
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बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस, सपा एवं अन्य दलों पर निशाना साधते हुए पूछा कि इन लोगों ने क्या किया। महाराजा सुहेलदेव समेत अन्य महापुरुषों को पहले क्यों सम्मान नहीं मिल पाया। इनके नाम पर भव्य स्मारक, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय पहले क्यों नहीं बना, क्योंकि उन्हें वोटबैंक की चिंता थी। महापुरुषों का नाम रखने पर तुष्टिकरण की नीति फेल न हो जाए।

मुस्लिम वोटबैंक के कारण वे लोग विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलते थे। जब भाजपा देश-प्रदेश में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मना रही थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम पर सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा केवड़िया गुजरात में स्थापित कराई, तब समाजवादी पार्टी राष्ट्रतोड़क जिन्ना का गुणगान कर रही थी। जब हम लोग महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव को मनाने की बात करते थे, तब सपा व कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मियां का विवाह होना चाहिए।

हमने कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद और राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए।' गाजी के नाम पर होने वाले कार्यक्रमों को इस बार से पूरी तरह से बंद कराने वालों को सीएम ने धन्यवाद दिया। सीएम ने जयंती पर महाराजा बलभद्र सिंह को भी याद किया।

डबल इंजन सरकार ने लिया महाराजा सुहेलदेव को सम्मान देने का संकल्प : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक हजार वर्ष पहले महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं को जवाब देने की मिसाल प्रस्तुत की थी, लेकिन इतिहास में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। पीएम मोदी के विकास व विरासत के अभियान को बढ़ाते हुए भाजपा की डबल इंजन सरकार ने उन्हें सम्मान देने का संकल्प लिया था।

इसी क्रम में बहराइच के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव, हॉस्पिटल का नाम बालार्क ऋषि और आजमगढ़ के राज्य विवि का नामकरण भी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है। यह कार्यक्रम महापुरुषों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच का मुख्य आयोजन महाराजा सुहेलदेव, बालार्क ऋषि और इस मंडल का मुख्य आयोजन मां पाटेश्वरी के नाम पर होगा। किसी विदेशी आक्रांता के नाम पर नहीं।

सालार मसूद को ऐसी सजा हुई, जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की देता है गारंटी : सीएम ने कहा कि गजनी से विदेशी आक्रांता तीन लाख की सेना को लेकर भारत को लूटने चला था, लेकिन महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति से मथुरा से लेकर बहराइच तक पग-पग पर उसके लिए बाधाएं खड़ी कीं।

यहां पहुंचते-पहुंचते उसकी आधी सेना समाप्त हो चुकी थी। चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव के साथ 20-25 हजार वीर बांकुरों ने सालार मसूद के डेढ़ लाख आक्रांताओं को गाजर-मूली की तरह काटा। सालार मसूद को यहां जिंदा पकड़ लिया गया। उसे ऐसी सजा हुई, जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देता है।

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