मथुरा: 54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना- क्या मिला ?

मथुरा: 54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना- क्या मिला ?
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मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के तोषखाने में 54 साल बाद हुई जांच‑खुली कार्यवाही। 30 फीट नीचे तहखाना, सोने‑चांदी की छड़ियाँ, कीमती सिक्के मिले।

मथुरा। मथुरा-वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिर में रविवार को एक ऐसा दिन आया जिसकी उम्मीद शायद पीढ़ियों से थी। मंदिर के गर्भगृह के नीचे करीब 30 फीट गहरी तहखाना गली में टीम ने प्रवेश किया। इस तहखाने में खजाना था, जिसे 1971 से बंद रखा गया था।

खजाना का रहस्य और खुलने की प्रक्रिया

खजाना वास्तव में मंदिर के मुख्य कमरे के नीचे था। मंदिर इतिहासकार बताते हैं कि यह तहखाना 1864 में बना था और जिले‑राजाओं के द्वारा चढ़ाए गए दान‑आभूषण, जमीन‑हस्तांतरण के कागज, भवन‑दान आदि यहां रखे जाते थे।


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक हाई‑पॉवर्ड समिति ने इस तहखाने को खोलने का आदेश दिया। प्रवेश के समय सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि अग्नि शमन विभाग और वन विभाग की टीम भी मौजूद थी। वीड़ियोग्राफी की गई। टीम ने दरवाजा ग्राइन्डर से काटा, दो लकड़ी के संदूक मिले। एक बड़ा, एक छोटा, संदूक में बर्तन, कुछ कीमती नग, सिक्के मिले।

क्या मिला, क्या नहीं मिला

कमरे में सोने‑चांदी की छड़ियां भी मिली हैं. एक लंबी लकड़ी की बॉक्स में सोने की एक छड़ी और चांदी की तीन छड़ियां, जिन पर गुलाल लगा हुआ था। यह देखकर मंदिर के एक गोस्वामी ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे ठाकुर जी होली के बाद इस तरह रंग‑उत्सव में ये छड़ियां धारण करते होंगे।

हालांकि तहखाने के सबसे नीचे उतरे गए भाग में कुछ नहीं मिला अर्थात् वह जगह पूरी तरह खाली पाई गई। टीम ने वहीं पूरे इलाके को सील करके बंद कर दिया।

भक्तों में उत्सुकता, प्रशासन में सतर्कता

खबर फैलते ही मंदिर परिसर, वृन्दावन‑मथुरा में बेइंतिहा उत्सुकता फैली। श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें इस कमरे में क्या होगा, यह मालूम नहीं था लेकिन इंतजार ज़रूर था।



प्रशासन द्वारा कहा गया कि आगे की वस्तुओं की सूची बनाए जा रही है। मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो।

आगे क्या होगा?

इन प्राप्त वस्तुओं का पुरातात्विक और मूल्यांकन परीक्षण किया जाएगा। भावी खुलासे‑विवरण के लिए समिति ने संकेत दिए हैं कि अन्य तहखानों‑दफ्तरों में भी खोज‑तलाशी हो सकती है। मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि इस प्रक्रिया से भविष्य में भक्तों के लिये व्यवस्था और भरोसा बेहतर होगा।

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