Aligarh Mob Lynching Case: हिंदूवादी संगठनों के विरोध पर SSP संजीव सुमन बोले - दबाव बनाना चाह रहे हैं...नहीं बना पाएंगे

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Aligarh Mob Lynching Case : हिंदूवादी संगठनों के विरोध पर SSP संजीव सुमन बोले - दबाव बनाना चाह रहे हैं...नहीं बना पाएंगे

Aligarh Mob Lynching Case : उत्तरप्रदेश। मीट व्यापारियों की मॉब लिंचिंग में हिंदूवादी संगठनों के 4 युवकों को जेल भेजने के विरोध में 2 जून को अलीगढ़ SSP दफ्तर पर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी हुई। प्रदर्शन बढ़ता देख SSP संजीव सुमन ने दफ्तर के बाहर आकर लोगों से बात की। जब लोग नहीं माने तो SSP संजीव सुमन ने हिन्दू संगठनों से साफ कहा– "इस तरह से आप लोग मुझ पर दबाव बनाना चाह रहे हैं, नहीं बना पाएंगे।"

दरअसल, अलीगढ़ में 24 मई को 4 मीट विक्रेताओं की मॉब लिंचिंग हुई थी। उन पर गोमांस बेचने का आरोप था। बाद जब जांच हुई तो वो गाय नहीं बल्कि भैंस का मीट पाया गया। इस घटना से मीट विक्रेता इतने डरे हुए थे कि कस्बा अतरौली की दुकानें 24 मई से बंद पड़ी थी।

जब इस बात का खुलासा हुआ कि, मीट व्यापारी गाय नहीं बल्कि भैंस का मीट ले जा रहे थे तब पुलिस ने मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया। अलीगढ़ के अतरौली में मीट की कई दुकानें हैं। व्यापारी अरबाज, कदीम और अकील नाम के दो व्यक्ति पिकअप गाड़ी में अलीगढ़ से मीट लेकर अतरौली के लिए आ रहे थे।

रास्ते में हिन्दूवादी संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने गाड़ी रुकवाई और मीट व्यापारियों के साथ बेरहमी से मारपीट की। मारपीट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। पुलिस ने माना था कि, शुरुआत में भीड़ को मैनेज करने में पुलिस को परेशानी हुई। इसके बाद बेरहमी से पीटे गए तीनों लोगों को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया।

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