Akhilesh yadav: इटावा हिंसा पर भड़के अखिलेश, बोले- ये सिर्फ हमला नहीं, सोच पर वार है

Akhilesh yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा के बकेवर में एक कथावाचक पर हुए हमले को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर सीधा निशाना साधा है। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए अखिलेश यादव ने इस घटना को सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि पूरे पिछड़े समाज और सामाजिक न्याय के विचार पर हमला बताया। उन्होंने साफ कहा कि भागवत कथा सबके लिए है इसे किसी एक जाति की जागीर नहीं बनने दिया जा सकता। अखिलेश यादव ने कहा कि जब कथा सुनना सबका हक है तो कथावाचन करना भी हर किसी का अधिकार है। उन्होंने पूछा कि अगर भगवान की कथा कहने से किसी को रोका जा रहा है वो भी सिर्फ इसलिए कि वो पिछड़ी जाति से आता है तो यह सीधा-सीधा धर्म और संविधान दोनों का अपमान है। उनका कहना था कि यह घटना ये बताती है कि समाज में आज भी कुछ ताकतें ऐसी हैं जो धार्मिक मंचों पर भी वर्चस्व बनाकर रखना चाहती हैं।
सरकार पर अखिलेश यादव का हमला
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार संविधान की राह पर नहीं बल्कि प्रभुत्व और भेदभाव के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ सरकार लगातार भेदभाव कर रही है और जो आवाज़ उठा रहा है उसे दबाया जा रहा है। अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने कथित प्रभुत्ववादी वर्ग पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर आपको PDA समाज से इतनी नफरत है तो साफ कहिए कि आप उनकी दक्षिणा, चढ़ावा या दान नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पहले जिन घरों को गंगाजल से धोया जाता था अब उनके लोगों का सिर मुंडवाया जा रहा है। आखिर किसके इशारे पर ये सब हो रहा है? ये सवाल सरकार को जवाबदेह बनाता है।
राष्ट्रपति पर टिप्पणी भी चर्चा में
अखिलेश यादव ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब एक आदिवासी महिला, जो देश के सर्वोच्च पद पर है उसे भी हेय दृष्टि से देखा जाता है तो फिर आम जनता के लिए इज्जत और बराबरी की उम्मीद कैसे की जा सकती है? उन्होंने कहा कि ये सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक अपमान का मामला है। इसके अलावा सपा के हाल ही में निकाले गए तीन विधायकों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अखिलेश ने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके मंत्री बनने में तकनीकी अड़चनें थीं। हमने उन्हें पार्टी से निकालकर रास्ता साफ कर दिया, अब वे मंत्री बन सकते हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
