ब्रांड यूपी की पहचान बनने के बाद अब ओडीओपी 2.0 लॉन्च

ओडीओपी योजना को और विस्तार देना समय की मांग है; बेहतर प्रशिक्षण और ऋण सुविधा का विस्तार किया जाना आवश्यक: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रांड उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी 'एक जनपद-एक उत्पाद योजना' अब अपने अगले चरण ओडीओपी 2.0 के माध्यम से स्थानीय उद्योग, स्वरोजगार और निर्यात को नई ऊंचाई देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक बाजार, आधुनिक मांग, तकनीकी उन्नयन, गुणवत्ता और पैकेजिंग की नई आवश्यकताओं को देखते हुए ओडीओपी को अब और अधिक व्यापक, व्यावसायिक और परिणामोन्मुखी स्वरूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है। ओडीओपी 2.0 के माध्यम से सरकार का लक्ष्य होगा कि प्रदेश के पारंपरिक उत्पाद बड़े बाजार, निर्यात और स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बनें।
'एक जनपद-एक व्यंजन' योजना
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद की विशिष्ट खाद्य परंपरा को एक संगठित पहचान देने की दिशा में 'एक जनपद-एक व्यंजन' (ओडीओसी) की अवधारणा को साकार करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि 'एक जनपद-एक व्यंजन' योजना उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा से जुड़ी हुई है। प्रदेश के हर क्षेत्र में खान-पान की कुछ न कुछ विशिष्ट परंपरा है। कहीं हलवा अच्छा है तो कहीं दालमोठ। उन्होंने कहा कि हर जिले के विशेष व्यंजनों की मैपिंग कर उनकी गुणवत्ता, स्वच्छता, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन को सुदृढ़ किया जाए।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2018 में प्रारंभ ओडीओपी योजना आज उत्तर प्रदेश के निर्यात और स्थानीय उद्योगों की रीढ़ बन चुकी है। अब तक 1.25 लाख से अधिक टूलकिट वितरित किए जा चुके हैं, 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण हो चुका है और 8 हजार से अधिक उद्यमियों को प्रत्यक्ष विपणन सहायता दी गई है। प्रदेश में तीस साझा सुविधा केंद्र स्वीकृत किए गए हैं और 44 ओडीओपी उत्पादों को अब तक जियो टैग प्राप्त हो चुका है। ओडीओपी उत्पाद आज प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं और राज्य के कुल निर्यात में इनका योगदान पचास प्रतिशत से अधिक है।
