अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय 'मंदिर संग्रहालय'

प्रस्तावित म्यूजियम के दायरे को मिला विस्तार, टाटा ग्रुप करेगा निर्माण और संचालन
योगी सरकार ने अयोध्या को विश्व स्तर पर एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने टाटा सन्स के सहयोग से अयोध्या में प्रस्तावित विश्वस्तरीय 'मंदिर संग्रहालय' का दायरा बढ़ा दिया है।
लोक भवन में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इसमें सबसे प्रमुख था रामनगरी अयोध्या में 'मंदिर संग्रहालय' के लिए स्वीकृति।वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा सन्स ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है। इसके लिए कंपनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी एसपीवी बनाया जाएगा, जिसमें भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।परियोजना हेतु भूमि आवंटन के लिए भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय एमओयू 3 सितंबर 2024 को हस्ताक्षरित हो चुका है।
श्रीराम जन्मभूमि निर्माण में फिर हुई तेजी
ध्वजारोहण समारोह की व्यापक तैयारियों के कारण कुछ दिनों के लिए रुके श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के निर्माण कार्य ने अब एक बार फिर गति पकड़ ली है।रामलला के उत्तर-दक्षिण प्रार्थना मंडप एवं कीर्तन मंडप में स्तंभों पर दिव्य मूर्तियों के उत्कीर्णन का कार्य प्रारंभ हो गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, मंदिर निर्माण से पूर्व जहाँ अस्थायी मंदिर में चार वर्षों तक रामलला की पूजा-अर्चना हुई थी, वह स्थान अब नहीं छोड़ा जाएगा। इसी पावन स्थल पर एक स्मारक निर्माणाधीन है, जिसके ऊपर अनब्रेकेबल ग्लास का आवरण लगाया जाएगा।स्मारक तैयार होते ही यहाँ हनुमान जी का प्राचीन विग्रह पुनः प्रतिष्ठित किया जाएगा। फिलहाल विग्रह को यज्ञ मंडप में स्थानांतरित कर नियमित पूजा की जा रही है।
अस्थायी मंदिर स्थल पर चबूतरे का निर्माण व बेशी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों की जोड़ी पूरी हो चुकी है। पत्थर के बने स्तंभ भी तैयार कर लिए गए हैं। साथ ही लोअर और अपर प्लिंथ पर भगवान राम के जीवन प्रसंगों पर आधारित त्रि-आयामी शिल्प लगाने की तैयारी जारी है। इसके लिए लोहे के मचान भी खड़े किए जा रहे हैं।
संग्रहालय के लिए भूमि का विस्तार
प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराई थी, लेकिन संग्रहालय की भव्यता को देखते हुए अधिक भूमि की आवश्यकता हुई। अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा। विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को न केवल एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे।
