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असम और बिहार में बाढ़ से हालत बेकाबू, NDRF ने 20 राज्यों में 120 टीमों को किया तैनात

असम और बिहार में बाढ़ से हालत बेकाबू, NDRF ने 20 राज्यों में 120 टीमों को किया तैनात
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नई दिल्ली। देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्सों में हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ से कई राज्यों में आफत आ गई है। वहीं लाखों लोगों को आपदा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, बाढ़ से बिहार और असम में हालत बेकाबू हो गए हैं। असम में इस आपदा में मंगलवार तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 हो गई है। वहीं राज्य के 24 जिलों के 24.19 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

इस बीच, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक प्रवक्ता ने बताया कि बल ने मानसून में बाढ़ और भारी बारिश की स्थिति से निपटने के लिए 20 राज्यों में 122 टीमों को तैनात किया है। इनमें से 12 टीम असम में हैं।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को एक व्यक्ति की नगांव जिले में मौत हुई है जबकि दूसरे की मोरीगांव में जान चली गई। उसने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन की वजह से 26 लोगों की मौत हुई है।

उधर, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बताया कि राज्य के पश्चिम गारो हिल्स जिले में बाढ़ में चार बच्चों और एक महिला की मौत हो गई है और 1.52 लाख लोग प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए चार लाख रूपये के मुआवजे का ऐलान किया।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र बाढ़ग्रस्त असम में राहत कार्यों के लिए मदद की दरकार होने पर भारत सरकार की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'हमारे सहयोगियों ने बताया है कि भारत में असम और पड़ोसी देश नेपाल में मानसून की बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण 2254 गांवों के करीब 40 लाख लोग बेघर हो गए हैं और 189 लोगों की जान गई है।' साथ ही एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में फसल नष्ट हो गई है। उनहोंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र जरूरत पड़ने पर भारत सरकार की मदद को तैयार है।' विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) असम और नेपाल में प्रभावित समुदायों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है।

बिहार में मंगलवार को बारिश के दौरान वज्रपात से 17 लोगों की मौत हो गयी। मरनेवालों में बांका के छह ,बिहारशरीफ के चार, जमुई के तीन,बोधगया के दो और लखीसराय व नवादा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया है। उन्होंने अविलंब मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं।

नेपाल और राज्य की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भी लगातार बारिश हो रही है। इस कारण पानी का दबाव बढ़ाता जा रहा है। नेपाल में भारी वर्षा के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक बराज से रिकॉर्ड 4.20 लाख घनसेक और वीरपुर में कोसी बराज से 3.20 लाख घनसेक पानी छोड़ा गया है। इससे उत्तर और पूर्वी बिहार के गंडक और कोसी प्रभावित क्षेत्रों के निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि गंगा को छोड़ कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं और बाढ़ के पानी ने आठ जिलों के करीब चार लाख लोगों को प्रभावित किया है। अधिकारी ने बताया कि आपदा मोचन बल की सर्वाधिक 19 टीमें बिहार में तैनात की गई हैं।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सोमवार को हुए भू-स्खलन में दब गए 11 ग्रामीणों में से चार के शव निकाले गए हैं जबकि सात अब भी लापता हैं। जिले के बंगापानी तहसील के टांगा गांव में रविवार देर रात मूसलाधार बारिश के बाद भू-स्खलन ने मुनस्यारी तहसील के गांव गैला पत्थरकोट और बंगापानी तहसील के टांगा गांव मे भारी तबाही मचा दी। गांव में जमींदोज चार मकानों के मलबे से बचाव दल ने चार ग्रामीणों के शव निकाले हैं। मलबे में अभी सात और ग्रामीण दबे हैं। इसी के साथ जिले के दो गांवों में मरनेवालों की संख्या सात हो गई है। जिले गैला पत्थरकोट गांव में बेटी समेत दंपति की मौत हो गई, जबकि टांगा गांव में चार मकान गिरने से 11 लोग मलबे में दब गए थे।

Updated : 22 July 2020 7:51 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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