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अमेरिका से स्वदेश लौटे पद्मश्री डॉ.महेंद्र भंडारी ने मिट्टी से जुड़े व्यवसाय को दी संजीवनी

  • क्रासर- डॉ.महेंद्र भंडारी ने चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाकर बढ़ाया मोहन प्रजापति के परिवार का उत्साह
  • धर्मेन्द्र भारती

अमेरिका से स्वदेश लौटे पद्मश्री डॉ.महेंद्र भंडारी ने मिट्टी से जुड़े व्यवसाय को दी संजीवनी
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रायबरेली। अमेरिका से स्वदेश लौटे प्रसिद्ध भारतीय सर्जन पद्मश्री डॉ.महेंद्र भण्डारी ने शिवगढ़ क्षेत्र के सिंहपुर गांव के रहने वाले मोहन प्रजापति और उनके परिवार से मिलकर उनके मिट्टी से जुड़े व्यवसाय को ऐसी संजीवनी दी की उनका परिवार आज अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। विदित हो कि एक समय वह था जब कुम्हारों का चाक निरंतर चलता रहता था। एक से एक सुन्दर कलात्मक कृतियां गढ़़ कर वे प्रफुल्लित और गौरवान्वित हो उठते थे। आज ऐसा समय आ गया है जब किसी को उसकी आवश्यकता नहीं है। आधुनिकता की चकाचौंध ने न जाने कितने कुम्हारों की रोजी-रोटी छीन ली है।

मिट्टी को मूर्त रूप देना एक दुर्लभ कला है परंतु इस विद्या में परंपरागत कुम्हारों की कला विलुप्त होने की कगार पर खड़ी है। ऐसे में अमेरिका स्वदेश लौटे प्रसिद्ध भारतीय सर्जन पद्मश्री डॉ.महेंद्र भंडारी ने बीते बुधवार को कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब 'सक्षम शिवगढ़' की सीईओ मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं वैज्ञानिक आरती कुमार, अग्रिमा आरती साहू, कृष्णा,राजकुमार सहित सहित सीईएल टीम के साइकिल से सिंहपुर स्थित मोहन प्रजापति कि घर पहुंचकर मोहन प्रजापति और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की उनके व्यवसाय के विषय में जाना और समझा। श्री भंडारी ने उनके परिवार का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कोई कार्य छोटा नही होता। उन्होंने बताया कि किस प्रकार की तकनीकी का प्रयोग करके आज के दौर में मिट्टी के व्यवसाय का वृहद स्तर पर विस्तार किया जा सकता है, और किस प्रकार से इस व्यवसाय से परिवार की आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। यही नही श्री भंडारी उनके परिवार के सदस्यों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं चाक के सामने जमीन पर बैठ गए और आग्रह किया कि मुझे भी मिट्टी के बर्तन बनाना सिखाओ। जिसके बाद करीब 20 मिनट में उन्होंने कई मिट्टी के बर्तन बनाए।

पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉ.महेंद्र भंडारी का इस प्रकार से व्यवहार और जुड़ाव देखकर उनका परिवार गौरवान्वित उठा। जिन्हें मोहन प्रजापति ने उपहार स्वरूप गुल्लक भेंट करते हुए कहा कि आपका मूल मंत्र हमारे व्यवसाय को आगे बढ़ाने में संजीवनी का काम करेगा। मोहन प्रजापति और उनके परिवार के सदस्यों ने श्री भंडारी व कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आपका मार्गदर्शन इसी तरह आगे भी मिलता रहेगा। बताते चलें कि डॉ.महेंद्र भण्डारी ने पहली बार फरवरी 2021 में शिवगढ़ क्षेत्र में 2 दिवसीय उद्यमी मिलन साइकिल यात्रा निकालकर आधा दर्जन से अधिक गांवों का भ्रमणकर उद्यमियों से मुलाकात कर उनके व्यवसाय के विषय में जाना और समझा था। जिसके बाद उन्होंने बीते बुधवार को एक दिवसीय उद्यमी मिलन साइकिल यात्रा निकालकर सिंहपुर और ढ़ेकवा में उद्यमियों से मुलाकात की थी।

विदित हो कि जोधपुर राजस्थान की पावन धरती पर 24 दिसम्बर सन् 1945 को जन्मे डॉ.महेंद्र भण्डारी ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोरे 'यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान' से मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर अपने कैरियर व राष्ट्र एवं समाजसेवा की शुरुआत की थी। वर्तमान समय में अमेरिका में रह रहे डॉ.महेंद्र भण्डारी प्रसिद्ध भारतीय सर्जन हैं। जिन्होंने मूत्रविज्ञान, चिकित्सा प्रशिक्षण, अस्पताल प्रशासन, रोबोटिक सर्जरी और चिकित्सा नैतिकता की विशेषता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके प्रयासों के लिए, उन्हें 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री आवार्ड से सम्मानित किया गया था। श्री भण्डारी वर्तमान में डेट्रायट, एमआई में वॉटिकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ जैव-वैज्ञानिक और रोबोटिक सर्जरी अनुसंधान एवं शिक्षा निदेशक हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक यूरोलॉजी संगोष्ठी के संगोष्ठी समन्वयक रह चुके हैं। इसी के साथ वे 2010 से वट्टिकुट्टी फाउंडेशन के सीईओ भी हैं। श्री भण्डारी ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता और उनकी मेहनत लगन एवं जीवन संगिनी सुषमा भण्डारी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

Updated : 22 Nov 2021 6:56 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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