Noor Khan Airbase: नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमले से पाकिस्तान में हड़कंप, परमाणु ठिकानों के खात्मे का डर और सीजफायर की घोषणा!

Noor Khan Airbase Strike
Noor Khan Airbase Strike : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस, हैमर और स्कैल्प जैसी आधुनिक मिसाइलों से पाकिस्तान के 10 प्रमुख एयरबेसों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में नूर खान एयरबेस को सबसे बड़ा नुकसान हुआ, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। भारत की इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को अपने परमाणु ठिकानों पर भी खतरे का आभास होने लगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स का बड़ा खुलासा
नूर खान एयरबेस पर भारत की घातक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को अहसास हुआ कि हालात हाथ से निकल सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यह हमला सिर्फ जवाब नहीं बल्कि चेतावनी भी था। रिपोर्ट में बताया गया कि अगला निशाना पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर हो सकता था, जो इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हमले ने पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व में हड़कंप मचा दिया।
क्यों है नूर खान एयरबेस रणनीतिक रूप से खास?
इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के लिए एक बेहद अहम और संवेदनशील सैन्य परिसर है। पहले RAF स्टेशन चकलाला के नाम से मशहूर यह एयरबेस न सिर्फ फाइटर जेट्स के लिए ईंधन और मरम्मत की सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि पाकिस्तान के वीवीआईपी नेताओं की विदेश यात्राओं के लिए भी यहीं से उड़ानें भरी जाती हैं। इसी परिसर में स्थित है PAF कॉलेज चकलाला, जो भावी वायुसेना अधिकारियों का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है। भारत द्वारा इस एयरबेस पर की गई जवाबी कार्रवाई ने न सिर्फ सैन्य ढांचे को झकझोर दिया बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
पाकिस्तान में खौफ का माहौल
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नूर खान एयरबेस सिर्फ एक सैन्य अड्डा नहीं बल्कि पाकिस्तान वायुसेना का लॉजिस्टिक हब भी है, जहां से लड़ाकू विमानों में हवाई ईंधन भरा जाता है। इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह पाकिस्तान के रणनीतिक योजना प्रभाग (Strategic Plans Division) के मुख्यालय के बेहद करीब है। वही विभाग जो देश के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और संचालन का नियंत्रण संभालता है। माना जाता है कि पाकिस्तान के पास 170 से अधिक परमाणु हथियार हैं जो गुप्त ठिकानों पर तैनात हैं। ऐसे में भारत द्वारा इस क्षेत्र को निशाना बनाना पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नूर खान एयरबेस पर भारत द्वारा की गई हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की कार्रवाई ने पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। यह हमला इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत द्वारा पाकिस्तान की एक प्रमुख परमाणु इकाई के केंद्र के बहुत पास तक पहुंचने का संकेत देता है, जिससे पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
परमाणु कमांड अथॉरिटी के खात्मे का डर
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक बयान में, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को जानने वाले अमेरिकी अधिकारी ने खुलासा किया कि इस हमले के बाद पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर अपने परमाणु कमांड अथॉरिटी के खत्म होने यानी उसकी शीर्ष नेतृत्व क्षमताओं के खत्म हो जाने का था। उन्होंने कहा, "इस हमले को एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है कि भारत के पास ऐसा करने की पूरी क्षमता है।" सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो भी सामने आए हैं, जब भारतीय मिसाइल ने नूर खान एयरबेस पर हमला किया और एक ज़ोरदार विस्फोट हुआ। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर साझा की गई कुछ सैटेलाइट इमेज में बेस पर हुए हीट सिग्नेचर को भी साफ देखा जा सकता है, जिससे हमले की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से परिचित अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि नूर खान एयरबेस पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान को सबसे बड़ी चिंता अपने परमाणु कमांड अथॉरिटी की समाप्ति की थी, यानी उसके शीर्ष नेतृत्व के क्षमता के खत्म हो जाने का डर था। एक अधिकारी ने कहा, "यह हमला एक कड़ी चेतावनी हो सकती है कि भारत के पास ऐसी कार्रवाई करने की पूरी क्षमता है।" सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और सैटेलाइट इमेज से यह स्पष्ट हुआ कि हमले की गंभीरता बहुत अधिक थी, जिसमें नूर खान एयरबेस पर विस्फोट के बाद हीट सिग्नेचर भी देखा गया।
सीजफायर के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के ‘डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन’ (DGMO) द्वारा भारत में अपने समकक्ष को फोन किए जाने की पुष्टि की, जिससे दोनों देशों के बीच हमलों को रोकने पर बातचीत हुई। हालांकि, यह भी सच है कि सीजफायर की घोषणा से पहले अमेरिका ने इसे दुनिया के सामने रखा। पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच बातचीत को सुलह के पहले संकेत के रूप में देखा गया।
सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर हुए नुकसान को दिखाया गया है:
"भारतीय सशस्त्र बलों की गूंज रावलपिंडी में भी सुनी गई"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति का हवाला देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त किया गया और भारतीय सैन्य ताकत ने दुनिया को एक मजबूत संदेश दिया। उनका यह बयान उस समय आया जब इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन सिंदूर के जारी रहने की पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सैन्य अभियान आतंकवादियों और उनके नेताओं के लिए सीमा पार भी सुरक्षित नहीं छोड़ेंगे।
