डिजिटल गिरफ्तारी नागरिकों के लिए सबसे भयावह खतरा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

आईपीएस परिवीक्षाधीन अधिकारियों को राष्ट्रपति का संबोधन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि तकनीक ने पुलिसिंग के क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला दिया है और डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) आज नागरिकों के लिए सबसे भयावह खतरों में से एक बन चुकी है।राष्ट्रपति भवन में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों, विशेषकर वंचित वर्गों को, पुलिस को भय की नहीं, बल्कि सहारे की संस्था के रूप में देखना चाहिए।
डिजिटल गिरफ्तारी का बढ़ता खतरा
राष्ट्रपति मुर्मु ने बताया कि साइबर अपराधी अब खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेते हैं।वे गिरफ्तारी या बैंक खाते फ्रीज करने की धमकी देकर पीड़ितों से “जमानत” या “जुर्माने” के नाम पर पैसा वसूलते हैं।कई बार वे वीडियो कॉल के ज़रिए फर्जी पुलिसकर्मी बनकर नागरिकों को निशाना बनाते हैं।उन्होंने इसे “डिजिटल गिरफ्तारी” बताया — जो आधुनिक समय का नया साइबर फ्रॉड है और आम लोगों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है।
एआई और तकनीक से पुलिसिंग में बदलाव
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता उपयोगकर्ता आधार है।तकनीक ने पुलिस कार्य प्रणाली को बदला है, लेकिन इसके साथ ही डिजिटल अपराधों की जटिलता भी बढ़ी है।उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों में उपनिवेशकालीन पुलिस व्यवस्था भय, अविश्वास और दूरी पर आधारित थी।
“अब समय है कि पुलिस व्यवस्था में सांस्कृतिक वि-उपनिवेशीकरण (Cultural De-colonization) की प्रक्रिया पूरी की जाए,” उन्होंने कहा। इस बदलाव का उद्देश्य शासन करने के बजाय जनसेवा पर आधारित पुलिस व्यवस्था विकसित करना है।
आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है प्रभावी कानून-व्यवस्था
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।इस विकास को बनाए रखने के लिए लगातार सार्वजनिक और निजी निवेश की आवश्यकता है।उन्होंने जोर देकर कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए मजबूत कानून-व्यवस्था एक आवश्यक शर्त है।“निवेश और विकास को बढ़ावा देने में प्रभावी पुलिसिंग उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी आर्थिक नीतियां,” राष्ट्रपति ने कहा।
युवा आईपीएस अधिकारी बनाएंगे ‘विकसित भारत’ की नई पुलिस
राष्ट्रपति ने कहा कि आईपीएस के ये युवा अधिकारी भविष्य के लिए तैयार, तकनीक-सक्षम और मानवीय दृष्टिकोण वाली पुलिस बल तैयार करेंगे।उन्होंने विश्वास जताया कि यह नई पीढ़ी विकसित भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाएगी।
