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अवमानना केस : महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

अवमानना केस : महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र के बाद खड़े हुए विवाद के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोश्यारी को राज्य सरकार द्वारा उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य से किराया भुगतान करने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार ने इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील द्वारा पेश की गईं दलीलों को सुनने के बाद कोश्यारी के अधिवक्ता के जरिए उन्हें यह नोटिस जारी किया।

देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन 'रूलक' द्वारा दायर अवमानना याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर अदालत के आदेश का जानबूझकर अनुपालन नहीं करने' का आरोप लगाया गया है। तीन मई, 2019 को दिए अपने आदेश में अदालत ने उन्हें छह माह के भीतर बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य पर किराये का भुगतान करने को कहा था।

याचिका में कहा गया है कि कोश्यारी ने अभी तक राज्य सरकार को बाजार मूल्य पर अपने आवास का किराया नहीं जमा कराया है। इसके अलावा प्रतिवादी ने बिजली, पानी, पेट्रोल आदि के बिलों का भुगतान भी नहीं किया है। याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि वर्तमान याचिका दाखिल करने से पहले कोश्यारी को भुगतान के लिए 60 दिन का नोटिस भी दिया गया था।

याचिका में राज्य सरकार पर भी उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री सुविधाएं (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) अध्यादेश 2019 लाकर और उसके बाद विधानसभा से संबंधित विधेयक पारित करा कर प्रतिवादी का 'गैरकानूनी और मनमाने तरीके ' से पक्ष लेने और उन्हें भुगतान से छूट देने का आरोप लगाया गया है।

पिछले दिनों महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में राज्यपाल कोश्यारी ने 'सेक्युलर' शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया था। पत्र में कोश्यारी ने कहा था कि उन्हें प्रतिनिधिमंडलों से तीन प्रतिवेदन मिले हैं जिनमें धर्मस्थलों को खोले जाने की मांग की गई है। उन्होंने पत्र मे लिखा कि क्या आप अचानक सेक्युलर हो गए हैं? इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है। ठाकरे ने कहा था कि क्या सेक्युलर शब्द संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर कोश्यारी ने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी।

Updated : 20 Oct 2020 11:56 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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