Himachal Disaster: हिमाचल में भूस्खलन से 174 सडक़ें बंद, कांगड़ा में 603 पेयजल योजनाएं ठप

शिमला, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार रात और बुधवार को भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। राजधानी शिमला में दोपहर को एक घंटे तक जोरदार बारिश हुई।
बारिश के कारण हुए भूस्खलन से 174 सडक़ें बंद हैं। इनमें एक नेशनल हाईवे भी शामिल है। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित बना हुआ है, जहां 136 सडक़ें बंद हैं और एक नेशनल हाईवे पर भी यातायात पूरी तरह रुका हुआ है।
इसके अलावा बारिश के कारण 755 पेयजल योजनाएं भी बाधित हुई हैं। कांगड़ा जिला में स्थिति और भी गंभीर है जहां बुधवार को 603 पेयजल स्कीमें ठप हो गईं। इनमें से धर्मशाला उपमंडल में 466, नूरपुर में 64 और देहरा में 73 योजनाएं प्रभावित हैं।
मंडी में भी 137 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं, साथ ही 151 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं जिससे बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। पूरे प्रदेश में अब तक 162 ट्रांसफॉर्मर बंद हो चुके हैं।
बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश सिरमौर के नाहन में 70 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा नंगल डैम, दौलतपुर, देहरा गोपीपुर, ओलिंडा, रोहड़ू और गोहर में भी अच्छी बारिश हुई। कई स्थानों पर तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश का दौर जारी रहा।
मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 10, 13, 14 और 15 जुलाई को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटों में भारी बारिश से भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी घटनाएं हो सकती हैं। हालांकि 11 और 12 जुलाई को थोड़ी राहत की उम्मीद है।
राज्य में अब तक इस मानसून सीजन में 85 लोगों की मौत, 129 घायल और 35 लोग लापता हो चुके हैं। 165 मकान पूरी तरह ध्वस्त और 199 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही 366 गौशालाएं, 27 दुकानें और पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक 255 मवेशी और 10,000 पोल्ट्री पक्षी मारे जा चुके हैं।
राज्य में मानसून से अब तक कुल 718 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इसमें 398 करोड़ रुपये का नुकसान जलशक्ति विभाग और 311 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है।
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 30 जून की रात 12 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं। जिले में अब तक 20 लोगों की मौत और 28 लोग लापता हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, नदी-नालों के पास न जाएं और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
