'वन संरक्षण - जलवायु समर्थ आजीविका' पर दो दिवसीय कार्यशाला: सीएम मोहन यादव बोले - टाइगर के कारण सुधर रहा ईको सिस्टम

CM Mohan Yadav
मध्यप्रदेश। भोपाल में नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 'वन संरक्षण - जलवायु समर्थ आजीविका' पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा - "दुनिया में दो तरह के विकास मॉडल हैं। एक पश्चिम और दूसरी पूर्व की। पश्चिम का विकास मानव केंद्रित है जबकि पूर्व का विकास प्रकृति पर आधारित है। यह नेचर लिविंग और लिविंग बींग को मिलाकर बनी है। जापानी में इसे इशोफानी कहते हैं। समस्या इतनी ही नहीं है। पश्चिम के विकास से यह साफ है इंसान कुछ भी बनाए वह कचरा होगा और प्रकृति जो बनाएगी वह नेट जीरो होगा।"
सीएम मोहन यादव ने कहा - "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में प्रदेश में अब विलुप्त हो रहे वन्य जीवों की पुनर्स्थापना हो रही है। हमारे देश का प्रतीक चिन्ह देखिए। इससे आपको सहअस्तित्व की भावना मिलती है। यह बात समझ से परे है कि, जंगल में सागौन के ही पेड़ क्यों लगाए जाएं। यह वन नहीं यह तो फसल हो गई। जब हम प्रकृति आधारित जीवन की बात करेंगे तो सब कुछ बहुत आसान होगा।"
"मध्यप्रदेश में टाइगर की सक्रिय उपस्थिति के कारण जंगल का इको सिस्टम सुधर रहा है। यह ध्यान देना होगा कि, हमारे वन में जीव किसे मानते हैं और यही समझ से परे हैं। जो आकर्षक दिख रहा है क्या वही जीव है? वनअंचल में सर्प की गिनती नहीं होती। मुझे यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ। सांप कहां आएगा शहर या जंगल, प्राणी तो वो है। वन से हमारा सर्प राज किंग कोबरा गायब हो गया। लोग कहेंगे कि, मुझे किंग कोबरा में इतनी दिलचस्पी क्यों है लेकिन मुझे दुःख होता है। जंगल में जैसे टाइगर की कमी से पर्यावरण का बैलेंस बिगड़ता है वैसे ही यह भी है। अब टाइगर हैं तो हमारा पर्यावरण का बैलेंस दोबारा सुधर रहा है। हमारे यहां तो अब चीता भी आ गया है।"
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय क्षेत्रों में वन पुनर्स्थापना, जलवायु परिवर्तन और समुदाय आधारित आजीविका पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रशासन अकादमी में दीप प्रज्वलित तथा भगवान बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह भी उपस्थित रहे।
