सिंहस्थ के समय 35 Km के रामघाट पर मिलेगा मां क्षिप्रा का आशीर्वाद: CM ने कहा - 2 साल में 29 किमी. के घाट बनाने का लक्ष्य

CM Dr. Mohan Yadav
उज्जैन, मध्यप्रदेश। सिंहस्थ के समय 35 किलोमीटर रामघाट पर श्रद्धालुओं को मां क्षिप्रा का आशीर्वाद प्राप्त होगा। इसके लिए 2 साल में 29 किलोमीटर घाट बनाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। क्षिप्रा नदी पर 6 किलोमीटर घाट का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। ऐसे में सिंहस्थ के पहले 35 Km के रामघाट निर्माण से श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलेगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा - "हमारे प्रदेश में एक मात्र नदी मैय्या है जिनकी परिक्रमा होती है। सरकार ने तय किया है कि, अमरकंटक से लेकर खंभात की खाड़ी तक जहां तक नर्मदा जाती है वहां दोनों किनारों पर विकास कार्य (घाट बनाना, पुल - पुलिया का निर्माण) किए जाएंगे ताकि परिक्रमा सुगम हो। क्षिप्रा जी परिक्रमा के लिए दोनों घाटों के लिए टेंडर लग गए हैं। आने वाले समय में लगभग 29 किलोमीटर के घाट बनकर तैयार होंगे। 6 किलोमीटर के घात पहले से ही बने हुए है। जब सिंहस्थ आएगा तो रामघाट के रूप में इन किनारों पर क्षिप्रा जी सभी को आशीर्वाद देंगी।"
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से उज्जैन में 'नदी जोड़ो अभियान' के रूप में ₹850 करोड़ की लागत से महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। एक नए प्रकार का प्रयोग है यह। क्षिप्रा का प्रवाह बदलकर जहां पानी नहीं होता वहां भेजा जाएगा। लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हुआ है।"
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज (21 मार्च) उज्जैन के रामघाट पर सलामतपुर से आए पंचकोशीय यात्रियों का स्वागत कर उनकी यात्रा का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम के सफाई मित्रों का सम्मान कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के अंतर्गत उज्जैन स्थित मां शिप्रा नदी के रामघाट पर स्वच्छता गतिविधियों में सहभागिता कर घाट की सफाई भी की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने मां शिप्रा का पूजन-अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सीएम ने कहा - "क्षिप्रा मैया की जय...आज उज्जैन स्थित रामघाट पर क्षिप्रा मैया के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई तथा दर्शन-पूजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मां की कृपा से देश एवं प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि का वास हो तथा जन-जन में जल के संरक्षण का संस्कार अंकुरित हो, यही प्रार्थना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आने वाले समय में क्षिप्रा नदी की परिक्रमा मार्ग पर नए घाटों का निर्माण किया जाएगा। ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
