जासूसी का जाल: दमोह की आईडी से देशभर में बने हजारों फर्जी आधार कार्ड…

रवीन्द्र व्यास, दमोह: जिले से एक बड़े फर्जी आधार कार्ड रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। यहां की दो आधार नामांकन आईडी का उपयोग कर मप्र सहित देश के छह अन्य राज्यों में हजारों फर्जी आधार कार्ड तैयार किए गए। इन कार्डों के ज़रिए जासूसी, फर्जी सिम कार्ड खरीद, स्थानीय पहचान स्थापित करने और अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की आशंका जताई गई है।
गोपनीय शिकायत से खुला मामला
7 अप्रैल को दमोह कलेक्टर को एक गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया था कि दमोह की आईडी संख्या 29026 का उपयोग कर भिंड जिले में आधार नामांकन किए जा रहे हैं। इस पर हुई प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट 16 अप्रैल को सामने आई, जिसमें बताया गया कि उक्त आईडी से प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, देवास, भोपाल, मुरैना, छतरपुर, झाबुआ सहित 19 से अधिक जिलों में फर्जी आधार कार्ड बनाए गए हैं।
दूसरी आईडी संख्या 29832 से पश्चिम बंगाल के मालदा, झारग्राम, पुरुलिया, दार्जिलिंग; बिहार के सहरसा और कटिहार; दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और झारखंड के विभिन्न जिलों में भी हजारों आधार कार्ड जारी किए गए हैं।
पुलिस सूत्रों का मानना है कि दमोह में सामने आया यह फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क देशभर में फैले हुए एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है। जांच एजेंसियां मामले की विस्तृत जांच कर रही हैं। प्रशासन ने संबंधित आईडी निलंबित कर दी है और आवश्यक तकनीकी और कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
एफआईआर दर्ज, जांच प्रारंभ
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने मामले को गंभीर मानते हुए 2 मई को कोतवाली थाना दमोह में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन दोनों आईडी का उपयोग कर हजारों की संख्या में आधार कार्ड बनाए गए, जो निर्धारित क्षेत्र से बाहर जारी किए गए हैं। यह भी आशंका जताई गई है कि प्रदेश में ऐसे एक हजार से अधिक फर्जी आधार मामलों का नेटवर्क सक्रिय हो सकता है।
