भोपाल: दिग्विजय सिंह का रामदेव पर जुबानी हमला, शरबत जिहाद मामले में FIR की मांग

दिग्विजय सिंह का रामदेव पर जुबानी हमला, शरबत जिहाद मामले में FIR की मांग
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राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने की पतंजलि के मालिक रामदेव पर FIR कि मांग

मध्यप्रदेश। भोपाल के टीटी नगर थाने में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और दिग्विजय सिंह ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के मालिक रामदेव पर FIR कि मांग की है। बाबा रामदेव के शरबत जिहाद के वीडियो का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहां की अपने उत्पाद को बेचने के लिए बाबा रामदेव धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं और धार्मिक भावनाएं भड़का रहे है। उन्होंने BNS 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट के तहत FIR कि मांग की है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि, अपना सामान बेचने के लिए रामदेव ने कोविड महामारी की दवा से लेकर दंतमंजन तक में झूठ बोला और लाभ कमाया।

दिग्विजय सिंह ने शिकायत में कहा है कि, "पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के मालिक और व्यापारी रामदेव द्वारा अपना व्यापार बढ़ाने के उद्‌देश्य से अपनी एक्स आईडी के माध्यम से एक वीडियो प्रसारित किया है। इस वीडियो में 'व्यापारी रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत की मार्केटिंग करते हुये कहा कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत देती है लेकिन वह शरबत से जो पैसा मिलता है उससे मदरसे और मस्जिद बनवाती है। ठीक है यह उनका मजहब है लेकिन आप यदि वह शरबत पियेगें तो मस्जिद और मदरसे बनेगें और पतंजलि का गुलाब शरबत पीते हैं तो गुरुकुल बनेगें, आचार्यकुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। इसलिये मैं कहता हूं यह शरबत जिहाद भी है, जैसे लय जिहाद, बोट जिहाद चल रहा है. ऐसे शरबत जिहाद भी चल रहा है।"

"रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है एवं वैमनस्य पूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क). 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। 'व्यापारी' रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिये धर्म तथा राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रूपये का साम्राज्य बनाया जबकि पतंजलि के कई उत्पाद तय मानकों पर खरे नहीं उतरे है जिनमें से कई उत्पादों को सक्षम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया है।"

"व्यापारी रामदेव ने कोविड महामारी में भी अवसर का लाभ लेने से स्वयं को अछूता नहीं रखा और कोरोना की वैक्सीन बनाने के झूठे वादे करते हुये पूरे भारत देश को छलने का प्रयास किया और बाद में सर्वोच्च न्यायालय की फटकार पड़ने पर मांफी मांग ली। परन्तु अपने कृत्यों से आज भी जनमानस को भ्रमित कर उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रहे हैं। 'व्यापारी रामदेव ने बिना नाम लिये जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है उस हमदर्द कंपनी को पूरा देश जानता है। हमदर्द कंपनी हमारे देश में लगभग 100 वर्षों से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है। 'व्यापारी रामदेव का "रूह अफजा शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है कि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है पूरी तरह से हेट स्पीच है तथा उक्त शरयत की बिक्री को "शरबत जिहाद" कहना असंवैधानिक है।"

"वर्तमान में देश में कई बड़ी कंपनिया जैसे विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो इत्यादि के मालिक मुस्लिम है, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू है जो इन कंपनियों में काम करके अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे है तथा देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे है, तो क्या यह अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जिहाद फैला रहे हैं? और क्या उनमें काम करने वाले लोग जिहादी है?"

"अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि 'व्यापारी रामदेव द्वारा अपने उत्पाद के अधिक विक्रय बढ़ाने के लिये देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हुये अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य धूणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया गया है वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर 'व्यापारी रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करे।"








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