Bhopal Serial Rape Case: भोपाल के सीरियल रेप केस मामले में MPHRC ने थमाया पुलिस को नोटिस, देना होगा जवाब

MPHRC
Bhopal Serial Rape Case : मध्यप्रदेश। भोपाल के सीरियल रेप केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। जानकारी के अनुसार इस मामले पर संज्ञान लेते हुए MPHRC ने पुलिस को नोटिस थमा दिया है। मानवाधिकार आयोग ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को नोटिस भजेयर 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
इस मामले में मुख्य आरोपी फरान समेत कुछ अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए हैं। इन आरोपियों के मोबाईल फोन से कई लड़कियों के अश्लील वीडियो मिले हैं। यह भी सामने आया है कि, आरोपी धर्म विशेष की लड़कियों को निशाना बनाते थे। पहले इस मामले में तीन पीड़िताएं सामने आई थीं, जिनमें से दो सगी बहनें थीं। अब इस मामले में चौथी पीड़िता भी सामने आई है।
मध्य प्रदेश के भोपाल रेप केस के आरोपियों फरहान, साहिल, साद और सय्यद अली की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान वकीलों ने आरोपियों का न सिर्फ विरोध किया, बल्कि एक आरोपी की पिटाई भी कर दी थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर भोपाल में कॉलेज की लड़कियों के साथ रेप-ब्लैकमेल और कथित धर्मांतरण के आरोप हैं। इनमें से किसी ने कॉलेज में दोस्ती के नाम पर दगा दिया, तो कोई डांस क्लास के बहाने ब्लैकमेल करने लगा। आरोप है कि, ये लड़के पहले एक छात्रा को गिरफ्त में लेते, बलात्कार करते, वीडियो बनाते, फिर ब्लैकमेल करके उसी छात्रा से उसकी सहेलियों को बुलवाया करते थे। आरोपियों के मोबाइल से कई अश्लील वीडियो जब्त किए गए हैं, जिनमें वे दुष्कर्म करते और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हुए नज़र आए हैं।
भोपाल कॉलेज छात्रों के साथ रेप और ब्लैकमेल के मामलों पर डीसीपी जोन-2 भोपाल संजय अग्रवाल ने बताया था कि, "शहर के तीन थानों में 3 पीड़िताओं के द्वारा तीन FIR दायर की गई हैं। तीनों मामलों में कुल 7 आरोपी हैं जिनमें से 4 आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए हैं। 2 आरोपियों की तलाश जारी है। एक आरोपी ने पहले ही किसी कारण से आत्महत्या कर ली थी। तीनों मामलों में अलग-अलग SIT बनाई गई हैं। हर पहलू की जांच हो रही है... जांच में ये बात सामने आ रही है कि ये उन लड़कियों का ग्रुप बनाते थे जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और जिसको ये अपने साथ रख सकते हैं और अपने लिए इस्तेमाल कर सकते हैं...पीड़िताओं के द्वारा ऐसे बयान दिए गए हैं कि कुछ ऐसी चीजें उनके(अपराधियों) द्वारा बोली गई, कुछ ऐसी चीजें की गई जिससे मध्य प्रदेश का धार्मिक स्वतंत्र अधिनियम लागू होता है और उसकी धाराएं इसमें लगाई गई हैं।"
