MP विधानसभा का तीसरा दिन: बंदर के वेश में पहुंचे विधायक, सदन में शोर, कांग्रेस का वॉकआउट

सच कहें तो बुधवार की सुबह विधानसभा किसी कड़क सत्र से ज़्यादा किसी अजीब-सी फिल्म की शुरुआती सीन जैसी लग रही थी। बाहर हल्की ठंड थी, लेकिन माहौल बिल्कुल उलट गरम और बेचैन। किसान मुआवजा, राहत राशि और राजनीतिक तकरार… सब कुछ एक साथ फट पड़ा।
विधानसभा पहुंचा ‘बंदर'
सत्र शुरू होने से पहले ही एक दृश्य सबका ध्यान खींचा। जुन्नारदेव के कांग्रेस विधायक सुनील उईके बंदर की ड्रेस पहनकर, हाथ में पोस्टर और एक उस्तरा लिए विधानसभा पहुंचे। उईके ने कहा सरकार किसानों की हालत पर उस्तरा चला रही है। इसलिए हम मजबूर होकर ऐसे विरोध कर रहे हैं। सदन में कांग्रेस बोली ‘खाते खाली हैं’ राहत का पैसा घोषित होता है, पर किसान तक पहुंचता नहीं है, प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने किसानों की राहत राशि का मुद्दा उठा दिया। विधायक बाबू जंडेल ने कहा कि श्योपुर जैसे जिलों में किसान अब भी इंतज़ार कर रहे हैं 16,000 प्रति हेक्टेयर की जो राहत राशि बोलते हैं, वो कागज़ पर ही दिख रही है। खाते आज भी खाली हैं।
सरकार का जवाब: ‘जितना नुकसान से कहीं ज़्यादा दिया है’
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन शोर बढ़ता गया। तभी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले हमारी सरकार ने नुकसान से चार गुना तक राहत दी है। 2003 में जहाँ ₹3,000 दिया जाता था, आज उससे पांच गुना राशि मिल रही है। कांग्रेस इससे संतुष्ट नहीं हुई। फिर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में कांग्रेस के विधायक उठे और सदन से वॉकआउट कर गए। बाहर उन्होंने नारे लगाए किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी!
10 से कम बच्चों वाले स्कूल होंगे मर्ज
शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि छोटे स्कूलों को आसपास के बड़े स्कूलों में जोड़ा जाएगा। वही कटनी आगजनी केस में भाजपा विधायकों ने ही अपनी सरकार से जवाब मांगा है, कटनी के व्यापारी के घर आगजनी और गलत धाराएं लगाए जाने का मामला उठाते हुए भाजपा विधायक संजय पाठक ने कहा इस तरह की कार्रवाई से समाज में नाराज़गी फैल रही है। जांच दोबारा होनी चाहिए। सरकार ने आश्वासन दिया किसी निर्दोष के साथ पर नाइंसाफी नहीं होगी।
पन्ना जिले के लिए बड़ा फैसला: केन नदी पर पुल को मंजूरी
यह फैसला स्थानीय लोगों के लिए काफी समय से इंतज़ार में था। अगर योजना पूरी हुई, तो अजयगढ़ खजुराहो की दूरी 73 से घटकर 13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे पर्यटन, कारोबार और लोकल ट्रैफिक तीनों में फर्क पड़ेगा।
