विस के शीत सत्र में विधायकों को मिलेंगे लंबित प्रश्नों के उत्तर

विस के शीत सत्र में विधायकों को मिलेंगे लंबित प्रश्नों के उत्तर
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जानकारी एकत्र करने के बहाने अधिकारी उत्तर नहीं भेजते, ताकि राज खुल न सके

विभागीय कामकाज में अनियमितताओं और गड़बड़ियों से संबंधित अथवा उलझन भरे प्रश्नों के उत्तर अधिकारी अक्सर जानकारी एकत्र करने के बहाने टालने की कोशिश करते हैं। हालांकि, बार-बार लंबित रहने के बावजूद, विधानसभा में पूछे गए हर प्रश्न का उत्तर मंत्री के माध्यम से देने के लिए विभाग बाध्य होता है।

विगत सत्रों के ऐसे ही कई लंबित प्रश्नों के उत्तर इस बार शीतकालीन सत्र में विधायकों को मिलने वाले हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देश पर सचिवालय ने सभी लंबित प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध कराए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

लंबित प्रश्नों पर बैठक में जताई थी नाराजगी

विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने अधिकारियों की बैठक लेकर स्पष्ट किया था कि विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर में देरी नहीं होनी चाहिए।

प्रदेश विधानसभा: शीत सत्र के लिए विभागों पर पहुंच रहे प्रश्न

एक से पांच दिसंबर के बीच आयोजित मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों को सचिवालय ने विभागों को भेजना शुरू कर दिया है। गत 4 से 7 नवंबर के बीच ऑनलाइन और ऑफलाइन पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लंबित रह गए थे।इस तरह की पेंडेंसी अच्छी नहीं मानी जाती। अध्यक्ष तोमर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आश्वासनों पर अमल सुनिश्चित किया जाए और लंबित प्रश्नों को समय पर उत्तर उपलब्ध कराया जाए।विधानसभा में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की बैठक में अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वे जो जानकारी सरकार से निर्धारित तिथियों तक चाहते हैं, वह समय पर नहीं मिलती, जिससे प्रश्नों की पेंडेंसी बढ़ती है।

सत्र में लॉटरी सिस्टम से चयनित अधिकतम 25 तारांकित प्रश्नों के उत्तर सदन में मंत्री से लिए जा सकेंगे, जबकि शेष सभी प्रश्नों के उत्तर सदस्यों को लिखित में प्राप्त होंगे। अध्यक्ष ने अधिकारियों को कहा कि लंबित प्रश्नों और आश्वासनों की समय पर पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है।

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