यह व्यक्ति हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है: मंत्री विजय शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, 18 अगस्त को अगली सुनवाई

नई दिल्ली/मध्यप्रदेश। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की गई। उन पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया को जानकारी देने वाली सशस्त्र बल अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ "घिनौनी" टिप्पणी करके अपने पद की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाला बागची की पीठ द्वारा मामले को सुना गया। मंत्री कुंवर विजय शाह की ओर से पेश वकील ने बताया कि, उनका बयान दर्ज कर लिया गया है।
इस पर जस्टिस कांत ने कहा - आपका क्या मतलब है कि बयान दर्ज कर लिया गया है... यह व्यक्ति हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है... उसकी सार्वजनिक माफी कहां है?
वकील - यह ऑनलाइन उपलब्ध है।
जस्टिस कांत - 'इससे उनके इरादे जाहिर होते हैं, इससे हमें उनकी ईमानदारी पर और शक होता है...उनका बयान दर्ज करने का क्या मतलब है? जिन लोगों को प्रताड़ित किया गया है, उनके बयान दर्ज किए जाने चाहिए थे।'
'हमारे आदेश के अनुसार तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। विशेष जांच दल के एक सदस्य, श्री चक्रवर्ती, अदालत में मौजूद हैं। उनके पास एक सीलबंद लिफ़ाफ़ा है जो हमें जाँच पूरी करने की दिशा में एसआईटी द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराएगा।'
एक प्रश्न के उत्तर में, बताया गया कि, 27 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए हैं और कुछ वीडियो क्लिप की भी जांच की गई है...एसआईटी अब एकत्रित सामग्री का विश्लेषण करेगी और 90 दिनों की वैधानिक सीमा - 13 अगस्त - समाप्त होने से पहले जांच को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाएगी। एसआईटी का एक सदस्य स्थिति रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहेगा।
अदालत ने मामले की सुनवाई 18 अगस्त के लिए निर्धारित की है।
कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर द्वारा याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में मंत्री को पद से हटाने की मांग की गई थी। अदालत ने याचिका पर विचार किया। इसके बाद कहा कि, "इस तरह की याचिकाएं दायर न करें...हम इस पर विचार करने से इनकार करते हैं।"
