ग्वालियर: रेस्टोरेंट में टेबल नहीं मिलने से बिफरे मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, जमकर हुआ बवाल

मध्यप्रदेश। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल (Minister Narendra Shivaji Patel) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। ग्वालियर के एक रेस्टोरेंट में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल खाना पहुंचे थे, बताया जा रहा है कि, मंत्री को रेस्टोरेंट में टेबल नहीं जिसके बाद वे नाराज हो गए। मामला सिटी सेंटर क्वालिटी रेस्टोरेंट का है। जब मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को टेबल नहीं मिली तो वे अपने स्टाफ के साथ किचन में पहुंच गए। इसके बाद खूब बवाल हुआ।
यह भी जानकारी सामने आई है कि, रेस्टोरेंट में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के समर्थकों और स्टाफ के बीच बहसबाजी हुई। मामला मारपीट तक पहुंच गया था। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के रेस्टोरेंट से निकलते ही खाद्य विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची। इस पूरे मामले का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल है।
जानकारी के अनुसार, मामला रविवार का है। स्वास्थ्य व चिकित्सा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ग्वालियर आए थे। इसी दौरान वे ग्वालियर के क्वालिटी रेस्टोरेंट में डिनर के लिए पहुंचे। होटल में भीड़ ज्यादा थी इसी कारण होटल मालिक आवभगत नहीं कर पाए। इसके बाद मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल गुस्सा हो गए और किचन में निरिक्षण के लिए पहुंच गए। उनके जाने के बाद खाद्य विभाग की टीम पहुंची और खाने के सैम्पल इकट्ठे किए।
होटल मालिक ने पुलिस को बताया कि, एक व्यक्ति खुद को मंत्री बता रहा था। जब उन्हें स्टाफ ने कहा कि, नीचे की सभी सीट बुक है आप ऊपर के फर्स्ट फ्लोर पर बैठ जाइये तो वे नाराज हो गए। उनके साथ आए लोग किचन तक आ गए। होटल स्टाफ के साथ मारपीट भी हुई है।
मंत्री नरेंद्र शिवजी पटेल का भी इस मामले में बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि, अस्पताल और एम्बुलेंस का निरिक्षण करने के बाद मैं क्वालिटी रेस्टोरेंट में जांच के लिए पहुंचा था। होटल के स्टाफ ने बदतमीजी की। अगर मंत्री से बदतमीजी करते हुए दबाव बनाने का काम किया जा रहा है तो अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ क्या होता होगा।
उमंग सिंघार ने कहा - "मध्यप्रदेश का किसान खाद के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहता है, पर सरकार को फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब एक मंत्रीजी को होटल में टेबल नहीं मिली, तो पूरा प्रशासन दौड़ पड़ा, होटल संचालक से मारपीट कि गयी फूड सेफ्टी अफसर तक बुला लिए गए — क्या यही है 'जन सेवा'? भाजपा के मंत्री सत्ता के नशे में इतने चूर हैं कि उन्हें जनता की समस्याएं नजर ही नहीं आतीं।"
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