हनीट्रैप की पेन ड्राइव वाले बयान पर कमलनाथ को क्लीनचिट: साक्ष्यों के अभाव में उच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को हनीट्रैप से जुड़ी भाजपा नेताओं की पेन ड्राइव होने संबंधी दिए गए बयान पर उच्च न्यायालय से क्लीनचिट मिल गई है। न्यायाधीश विवेक रुसिया और विनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने साक्ष्यों के अभाव में कमलनाथ के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। कमलनाथ ने दो साल पहले बयान दिया था कि हनीट्रैप से जुड़ी 'भाजपा नेताओं की पेन ड्राइव उनके पास हैं। इसको लेकर कमलनाथ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने से लेकर न्यायालय में याचिकाएं लगाई गई थीं।
कमलनाथ के बयान पर अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह ने 2023 में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप था कि उन्होंने बयान दिया था कि उन्होंने हनीट्रैप की वीडियो देखी है और उनके पास भाजपा नेताओं की पेन ड्राइव मौजूद हैं। उन्होंने इस मामले की एजेंसी एसआईटी को नहीं सौंपी थी। उनके पास सबूत हैं, लेकिन वे सच्चाई को छिपा रहे हैं। याचिका में पुलिस, एसआईटी के साथ नाथ और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह को पार्टी बनाया था। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से इस बयान के तथ्यों को लेकर जानकारी मांगी थी। न्यायालय ने कहा कि याचिका में आरोप लगाए गए, लेकिन उसके साक्ष्य नहीं रखे। इसके साथ ही याचिका को खारिज कर दिया।
कमलनाथ सरकार के समय उजागर हुआ था हनीट्रैप
मप्र में हनीट्रैप कमलनाथ सरकार के समय 17 सितंबर 2019 में हनी ट्रैप मामला सामने आया था। नगर निगम इंदौर के तत्कालीन चीफ इंजीनियर हरभजन सिंह को कुछ युवतियों ने अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया था। 3 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, इसकी पलासिया पुलिस थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी बनाया। आरती, मोनिका, श्वेता (पति विजय), श्वेता (पति स्वप्निल), बरखा को गिरफ्तार कर कोर्ट ने जेल भेज दिया था। इनके अलावा गाड़ी ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। बाद में सभी की जमानत हो गई थी।
