स्वदेश का सबसे बड़ा खुलासा: जयश्री गायत्री कंपनी के किशन मोदी ने की थी फर्जी FIR, 10% पर पुलिस मैनेज करने का ऑडियो आया सामने

जयश्री गायत्री कंपनी के किशन मोदी ने की थी फर्जी FIR, 10% पर पुलिस मैनेज करने का ऑडियो आया सामने
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स्वदेश का सबसे बड़ा खुलासा : जयश्री गायत्री कंपनी के किशन मोदी ने की थी फर्जी FIR

स्वदेश का सबसे बड़ा खुलासा : भोपाल, मध्य प्रदेश। जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी को लेकर स्वदेश के हाथ बड़ी जानकारी लगी है। पिछली बार स्वदेश द्वारा जयश्री गायत्री कंपनी पर लगे आरोप और विवाद का खुलासा किया गया था इस बार पड़ताल को एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक ऑडियो और कुछ रिपोर्ट्स हमारे सामने आई हैं। सभी सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि, किशन मोदी ने FIR कर केस उलझाने की कोशिश की और पुलिस मैनेज करने का भी भरसक प्रयास किया।

दरअसल, जयश्री गायत्री फुड कंपनी EOW और ED जांच के घेरे में है। इस कंपनी ने फर्जी लैब रिपोर्ट बनाकर दूध और पनीर के प्रोडक्ट देश - विदेश में बेचे। अब जब खुलासे हो रहे हैं तो किशन मोदी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि, उन्होंने कोई फर्जी रिपोर्ट नहीं बनवाई। उनकी कंपनी से जुड़े लोगों ने यह किया था। इसकी एफआईआर भी उनके द्वारा की गई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के रिश्तेदार पॉवर का गलत उपयोग कर उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं।

जयश्री गायत्री फूड कंपनी के मालिक किशन मोदी की पत्नी और कंपनी की निदेशक पायल मोदी ने भी अपने कथित सुसाइड लेटर में यही बात कही थी। उन्होंने बीते दिनों जहर खाकर मरने की कोशिश की थी। हालांकि इस समय वे अस्पताल में भर्ती हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक है।

इस पूरे मामले में सबसे अहम कड़ी है वह एफआईआर जो किशन मोदी ने करवाई थी। इस एफआईआर में किशन मोदी ने हितेश पंजाबी, सुनील त्रिपाठी, वामिक सिद्दीकी और बलजीत शर्मा पर 15 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप लगाया था।

किशन मोदी ने हबीबगंज थाने में 29/8/23 यह एफआईआर करवाई थी। इस एफआईआर में आरोपित बलजीत शर्मा और किशन मोदी का एक कथित ऑडियो सामने आया है। इस कंपनी के सीईओ रहे सुनील त्रिपाठी ने इस ऑडियो को साझा किया है। उनका कहना है कि, यह ऑडियो बलजीत शर्मा और किशन मोदी का है। स्वदेश इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता।

ऑडियो में बड़े खुलासे:

बलजीत - आप पुलिस का क्या कैसे करोगे।

किशन मोदी - भाई मैं पुलिस का करके दूंगा। आप भोपाल में अपना एक वकील भेज दो। मैं आपको सरकारी गवाह बनाकर बाहर निकाल दूंगा। आपसे मैंने बोल दिया है। आपको मैं मेल कर देता हूं। जो आपको कन्फर्मेशन चाहिए मैं तैयार हूँ। आप तो बस वकील भेज दो। वकील को सब तरीका आता है कि, कैसे बाहर कराना है। वो बाहर करा देगा। वो आइओ (इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर) से मिल लेगा और आपको बाहर निकाल देगा।

बलजीत - मैं अपने वकील को बोलता हूं, वो आपसे बात कर लेगा। आप मुझे मेल कर देना कि, पेमेंट सेटल होने पर मैं आपका नाम एफआईआर से निकाल दूंगा।

किशन मोदी - यह सब आपको तीन चार दिन में करना होगा। जब तक त्रिपाठी रिमांड पर है। तभी तक बयान लिखवाए जाएंगे कि, बलजीत शर्मा का इसमें कोई रोल नहीं है। मैंने बस उससे माल खरीदा था। मैंने डिस्काउंट दिया था क्योंकि क्वालिटी में दिक्कत आई थी।

बलजीत - मैं आपको बताऊं, सच्चाई भी यही है। मैंने कोई चोरी नहीं की।

किशन मोदी - ठीक हैं न... भाई आप अगर आप बयान नहीं दोगे तो मैं यह बयान नहीं लिखवाऊंगा। अगर मैं बयान लिखवा दूंगा कि, इसको मैंने दिया था और इनने आधा - आधा लिया। तो आप अंदर चले जाओगे। मैंने यही डाला है रिपोर्ट में। मैं आपको करवा दूंगा। आपका वकील सामने के सामने करवा दूंगा लेकिन पेमेंट तीन - चार दिन में चाहिए। अगर वो रिमांड पर गया तो पुलिस को जो करना है वो कर देगी और कोई व्यक्ति नहीं है जो गवाही देकर आपको बचा सके। वो सिफर त्रिपाठी कर सकता है जो अभी अंदर अपने पास है। तीन चार दिन में ही आपको पेमेंट निपटाना होगा।

बलजीत - मैं अपने वकील को कह देता हूं। वो आपसे बात कर लेगा। अगर उसे भोपाल आना है तो वह भोपाल आ जाएगा लेकिन आप बोल रहे हैं कि, पुलिस को पैसा देना होगा।

किशन मोदी - इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को मैं देख लूंगा। उसको परसेंट देना होगा वो मैं दे दूंगा।

AES लैब दिल्ली के मेल के 58 दिन बाद एफआईआर :

अब यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, 30/06/2023 को AES लैब दिल्ली ने सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत की शिकायत पर जयश्री गायत्री कंपनी को फ़र्जी लैब रिपोर्ट्स मामले की ईमेल कर सूचना दी थी। इस मेल के 58 दिन बाद दिनांक 29/8/23 को किशन मोदी ने अपने कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर करवाई।

AES लैब दिल्ली ने सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत की शिकायत पर जयश्री गायत्री कंपनी को फ़र्जी लैब रिपोर्ट्स मामले की ईमेल कर सूचना दी थी

कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर की कॉपी

बलजीत शर्मा, सुनील त्रिपाठी, वामिक सिद्दीकी और हितेश पंजाबी का जयश्री फूड कंपनी से क्या संबंध है और इनके खिलाफ जयश्री फूड प्राइवेट लिमिटेड ने क्या आरोप लगाए यह सब एफआईआर में है।

यह एफआईआर जयश्री कंपनी के प्रदीप कुमार राठौर के द्वारा करवाई गई थी। इन्हें कंपनी ने फाइनेंशियल अधिकार दिए गए थे और कंपनी के कानूनी मामले का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी कहा गया था। इनके द्वारा भोपाल के हबीबगंज थाना प्रभारी को बताया गया कि, बलजीत शर्मा, सुनील त्रिपाठी, वामिक सिद्दीकी और हितेश पंजाबी ने जयश्री फूड कंपनी के प्रोडक्ट का निर्यात कर 15 करोड़ रुपए का गबन किया।

एफआईआर से पता चलता है कि, सुनील त्रिपाठी ने वर्ष 2016 में प्लांट आपरेशन मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया था। जब एफआईआर हुई तब वे कंपनी के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) पदस्थ थे। कंपनी के प्लांट (फैक्ट्री) के समस्त कर्मचारी उसके अधीन कार्य करते थे जिस कारण सभी कर्मचारी सुनीष त्रिपाठी को रिपोर्ट करते थे। कंपनी के सभी प्रोडक्ट के रेट तय करना व किसी भी प्रोडक्ट पर डिस्काउंट देने का संपूर्ण एकाअधिकार मैनेजिंग डायरेक्टर किशन मोदी के पास था। इसे लेकर सुनील त्रिपाठी को उनके द्वारा समय-समय पर निर्देशित किया जाता था।

सुनील त्रिपाठी जयश्री गायत्री फूड प्राइवेट लिमिटेड का एक्सपोर्ट का व्यापार भी देखता था एवं इस एक्सपोर्ट के संबंध में समस्त कंपनी के एक्पोर्ट एग्जीक्यूटिव संजय वर्मा द्वारा सुनील त्रिपाठी की सहमति एवं हस्ताक्षर से बनाये जाते थे।

जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दुबई में हितेश पंजाबी की जनरल ट्रेडिंग, एलएलसी, एवं बलजीत शर्मा की कंपनी बहार इंटरनेशनल जनराम एवीआर अलबहार कुवैत को डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए जाते थे। हितेश पंजाबी एवं नियमित रूप से सुनील त्रिपाठी के साथ व्यापार के संबंध में मिलते जुलते रहते थे।

कंपनी को गड़बड़ी की आशंका होने पर 3 वर्षों के बिल, अन्य दस्तावेज का स्टॉक देखने के बाद जब यह पाया गया कि सुनील त्रिपाठी, हितेश पंजाबी, बलजीत शर्मा और सिददीकी द्वारा अन्य व्यक्तियो के साथ षड़यंत्र करते हुए प्राइज मास्टर जनरल ट्रेडिंग एलएलसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग कंपनी व एबीआर अलबहार कुवैत को जो माल जाता है उन सभी बिलों में फ्रीस्ट या हमारी कंपनी के द्वारा एक्सपोर्ट किए जा रहे डेयरी प्रोडक्ट्स पर अनाधिकृत ऑफर देकर बेचे जाते है। एक्सपोर्ट के माल हमारी कंपनी के ब्रांड प्रमोशन के नाम पर कंपनी से जानकारी छिपाते हुए, कंपनी को नुकसान पहुंचाने के लिए उपरोक्त तीनों फर्म को 300/- रूपए किलो पनीर के भाव में जो कि आधी कीमत पर बेचकर फर्जी इन्वाईस जनरेट किए गए हैं।

उक्त गड़बड़ी के प्रक्रम में त्रिपाठी द्वारा परचेज आर्डर कंपनी की अधिकृत मेल आईडी पर न बुलाकर व्यक्तिगत तौर पर मिलीभगत से हितेश पंजाबी और बलजीत शर्मा की कंपनी को बेचे गए। एफआईआर में आरोप है कि कंपनी को इन सब की कोई जानकारी नहीं थी। कम कीमत पर प्रोडक्ट बेचे गए और इससे कंपनी को नुकसान हुआ। यह भी कहा गया कि, इन लोगों को कंपनी द्वारा ब्रांड प्रमोशन, वन प्लस वन या अन्य कोई ऑफर देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया।

जयश्री कंपनी का कहना है कि, जब इस बारे में जानकारी मिली तो किशन मोदी ने दुबई में कंटेनर रुकवा कर इनवॉइस पर हस्ताक्षर कर सही कीमत पर कंटेनर बलजीत और हितेश को भेजे। इससे कंपनी का नुकसान होने से बच गया।

इस कहानी के एक अन्य कैरेक्टर वामिक सिद्दीकी जो उस समय कंपनी के जनरल मैनेजर था, उसने भी कंपनी के साथ धोखा किया। जयश्री कंपनी की ओर से दर्ज शिकायत में बताया गया कि, वामिक सिद्दीकी ने इस कहानी के एक अन्य कैरेक्टर वामिक सिद्दीकी जो उस समय कंपनी के जनरल मैनेजर था, उसने भी कंपनी के साथ धोखा किया। जयश्री कंपनी की ओर से दर्ज शिकायत में बताया गया कि, वामिक सिद्दीकी ने खराब क्वालिटी का दूध खरीदा। इसके बाद कंपनी से इसका भुगतान कराया। टेस्ट रिपोर्ट में गड़बड़ी भी इन्हीं लोगों द्वारा करवाई गई यह बात जयश्री कंपनी ने शिकायत से समय बताई है।

अब EOW और ED की रेड के बाद इन सुनील त्रिपाठी सामने आए। उन्होंने एक वीडियो बनाया और इस वीडियो में बताया कि, कंपनी में चल रही सभी गड़बड़ियों की खबर उसे थी। इसी के चलते वह कंपनी छोड़ना भी चाहता था। मोदी परिवार फैक्ट्री का संचालन करता था। रात को वहां कई गाड़ियां आती थी। इसकी जानकारी मुझे वहां काम करने वाले लोगों से पता चला। सुनील त्रिपाठी ने यह भी कहा कि, उन्हें काम करते हुए पता चला कि, वहां प्रोडक्ट्स में मिलावट की जाती थी। शिकायत के बाद मुझे झूठा आश्वासन देकर चुप करवा दिया गया।

मिल्क प्रोडक्ट की खामियों पर सुनील त्रिपाठी ने कहा कि, जब भी विदेश से किसी के द्वारा शिकायत की जाती थी तो ब्रांड प्रमोशन का लालच देकर उन्हें शांत करवाने के लिए भी कहा जाता था। अडल्ट्रेशन को छिपाने के लिए कंपनी इस तरह के ब्रांड प्रमोशन करती थी।

आरोप प्रत्यारोप के इस खेल के बाद सुनील त्रिपाठी ने एक ऑडियो भी सार्वजनिक किया। सुनील त्रिपाठी का कहना है कि, यह ऑडियो FIR के बाद का है। बलजीत शर्मा का दावा है कि, यह ऑडियो उन्होंने क्राइम ब्रांच को ई-मेल के जरिए भेजा था हालांकि खबर लिखे जाने तक जांच एजेंसी द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।

इस मामले को उजागर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत ने कहा कि, 'हर पागल यह कहता हैं कि मैं पागल नहीं हूँ। क्या कोई चोर यह स्वीकारता हैं कि उसने चोरी की हैं? क़तई नहीं। किशन मोदी आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति हैं जो की मिलावटखोरी में 2007 में जेल में भी रहा हैं। मिलावटखोरी कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का काला कारोबार ये लोग कई वर्षों से कर रहे है।'

'इनके द्वारा मुझ पर जो झूठे आरोप लगाए हैं उन झूठे आरोपों को लेकर मैं Polygraph टेस्ट के लिए तैयार हूँ। पायल मोदी और किशन मोदी का पॉलीग्राफ़ (Polygraph) टेस्ट कराया जाए ताकि इनका झूठ दुनिया के सामने आये। polygraph टेस्ट से दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। शासन प्रशासन और कोर्ट का समय बचेगा और न्याय भी जल्दी होगा।'

जयश्री गायत्री के किशन मोदी की कहानी, मिलावट का जहर बेच कर खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य, अब बचने के लिए 'जहर'

स्वदेश Exclusive : मध्य प्रदेश। मिलावट का जहर बेच कर जिस कंपनी के करोड़ों रुपए का साम्राज्य खड़ा किया आज उसके निदेशक बचने के लिए जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। कहावत है - जहर ही जहर को काटता है लेकिन भोली - भाली जनता को दूध और पनीर जैसे उत्पाद में मिलावटी जहर परोसने वालों को इस बार 'जहर' नहीं बचा पाएगा। मामला जयश्री गायत्री फूड कंपनी से जुड़े विवाद का है। EOW और ED की जांच के बीच कंपनी की निदेशक पायल मोदी (कंपनी के मालिक किशन मोदी की पत्नी) ने चूहे मार दवा खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। उनकी कंपनी सालों से लोगों की जान से खिलवाड़ करती आई है। स्वदेश की इस रिपोर्ट में पढ़िए जयश्री गायत्री फूड के किशन मोदी की पूरी कहानी और उनसे जुड़े विवाद।

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